RATLAM

रतलाम केआदिवासी अंचल में आंगनवाड़ी भवनों के बुरे हाल:आंगनवाड़ी भवन की राशि हजम कर गए पूर्व सरपंच- सचिव, कार्यकर्ता के घर पर लगती है आंगनवाड़ी

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रतलाम~~रतलाम जिले के आदिवासी अंचलों में शासकीय योजनाओं का क्या हश्र हो रहा है । इसका ताजा उदाहरण सैलाना जनपद के बरड़ा ग्राम पंचायत के बयाटोंक गांव में देखने को मिल रहा है। जहां आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए बनाया गया आंगनवाड़ी भवन पिछले 10 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है। इस दौरान ग्राम पंचायत में सरपंचों के दो कार्यकाल भी पूर्ण हो गए लेकिन आंगनवाड़ी भवन का निर्माण पूरा नहीं हो सका। गांव की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने घर के कमरे में ही आंगनवाड़ी केंद्र का संचालन कर रही है।

दरअसल यह नजारा केवल एक गांव का नहीं बल्कि रतलाम जिले की कई आंगनबाड़ियों का है। जहां आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के नाम पर हुए बड़े भ्रष्टाचार में तत्कालीन सरपंच और सचिवों ने भवन निर्माण के रुपए हजम कर लिए। करीब डेढ़ सौ ग्राम पंचायतों के तत्कालीन सरपंचों और सचिवों से भ्रष्टाचार की राशि वसूल भी की गई और कईयों के विरुद्ध प्रकरण भी दर्ज किए गए। लेकिन इन गांव में आंगनवाड़ी भवन अब भी वैसे ही अवस्था में है। भ्रष्टाचार का मामला पकड़ में आने और राशि वसूल करने में करीब 10 सालों का समय बीत गया। जिसके बाद इन आंगनवाड़ी भवनों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। दैनिक भास्कर की टीम ने जब गांव की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से पूछा कि विभाग के अधिकारी इस पर क्या कहते हैं तो उनका कहना है कि कुछ नहीं कभी कबार अधिकारी आते हैं तो फोटो खींच कर चले जाते है और इसे बनवाने का आश्वासन भी देते हैं लेकिन अब तक इस भवन का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका है।

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