झाबुआ

हैंडपंप संधारण कार्यों की दरों में भारी अंतर….पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री की कार्यप्रणाली से शासन को लाखों का हो रहा नुकसान

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झाबुआ– शासन द्वारा टेंडर प्रक्रिया इसलिए अपनाई जाती है ताकि शासन को उच्च गुणवत्ता युक्त कार्य/ सामान कम मूल्य दर पर प्राप्त हो सके |कई बार दरों में अंतर आने पर पुन: निविदाएं भी आमंत्रित की जाती है उद्देश्य -शासन हित में कम मूल्य दर प्राप्त हो | लेकिन झाबुआ जिले में इस वर्ष पीएचई विभाग द्वारा हैंडपंप संधारण की निविदा आमंत्रित की गई और जो दरे इस वर्ष प्राप्त हुई , पिछले वर्ष की तुलना में करीब 20 से 25% तक अंतर होने से शासन को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है फिर भी कार्यपालन यंत्री मनमाने तरीके से शासन हित को न देखते हुए पार्टी विशेष का हित साध रहे हैं और शासन को हानि पहुंचा रहे |
पीएचई विभाग द्वारा जनवरी माह में हैंडपंप संधारण कार्य हेतु ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की गई जो कि अगले 3 वर्ष तक दरें मानय रहेगी |झाबुआ जिले के 6 ब्लॉक के लिए ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की गई | जब निविदा दरें ऑनलाइन खोली गई तो उसने पाया कि ब्लॉक वाइज बुलाई गई दरों में काफी अंतर है यानी दरों में 20 से 25% दरों में कमी आई है पूर्व वर्ष 2017- 18 में मेघनगर ब्लॉक की हैंडपंप संधारण की दर सीएसआर से 28.60% कम आई |वर्ष 2019 ,20 व 21 के लिए आमंत्रित की गई निविदा इस ब्लॉक के लिए सीएसआर से मात्र 5% कम |याने करीब 23.60 % का अंतर |अन्य ब्लॉक की दरों में भी ऐसा ही अंतर पाया गया| जब वर्ष 2017-18 में हैंडपंप संधारण की दरें लगभग 20 से 30% कम आई थी और इन्हीं दरों पर ठेकेदारों ने कार्य भी किया | लेकिन इस वर्ष मेघनगर बलाक की निविदा की दर मात्र 5% कम अाई , जिससे शासन को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है शासन हित को देखते हुए निविदाएं निरस्त कर पुन: आमंत्रित की जाती तो निश्चित ही दरें कम आती | क्योंकि दरें 3 साल हेतु बुलाई गई थी कम दरों से शासन को लाखों रुपए का फायदा हो सकता था | परंतु कार्यपालन यंत्री ने ऐसा नहीं किया |अगर कार्यपालन यंत्री इन दराे को स्वीकृति हेतु अनुशंसा नहीं करते तो अधीक्षण यंत्री इंदौर इन्हे स्वीकृत नहीं करते |क्योंकि दरें सीएसआर से सभी कम आई थी अत: विभाग स्वीकृति के लिए बाध्य तो था परंतु दरों में ज्यादा कमी को देखते हुए पुनः निविदा निरस्त कर बुलाई जा सकती थी |इसके साथ ही साथ इस वर्ष भी झाबुआ जिले के अन्य 3 ब्लॉकों में भी हैंडपंप संधारण करें 20 से 30% तक कम आई है जिले की भौगोलिक स्थिति एक समान है तो शासनहित को देखते हुए जिस ब्लॉक मे दरें कम आई ,ताे पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री चाहते ताे पूर्व दरों को और वर्तमान वर्ष मे अन्य ब्लाकों की दर की तुलना को आधार बनाकर निविदा पुन: कॉल करते तो शायद शासन को लाखों का फायदा हो सकता था | मेघनगर बलाक के इन 3 वर्ष के संधारण के ठेके की कुल राशि करीब ₹ 60 लाख है इस वर्ष मेघनगर ब्लॉक में मात्र सीएसआर से 5% कम दर आई है जबकि पिछले वर्ष 28.60 % दर कम आई थी यदि इस अंतर को माना जाए तो करीब 23 प्रतिशत अंतर है यदि अंतर 20% भी माना जाए तो 60 लाख का 20% करीब 12 लाख रुपए अंतर आ रहा है यानी कि 4 लाख ऱू प्रति वर्ष शासन को नुकसान हो रहा है |प्रश्न यह उठता है कि इस वर्ष भी जिले मे 6 में से करीब 4 ब्लॉकों में भी दरें काफी कम आई है तो उन्हीं दरों को आधार मानकर मेघनगर ब्लॉक में भी शासन हित मे पुन:निविदा आमंत्रित कयाे नही की गई ? शासकीय ठेकेदारों में चर्चा का विषय है कि क्या कारण है कि कार्यपालन यंत्री ने शासन हित को नजरअंदाज करके पार्टी विशेष को लाभ पहुंचाया |

क्या शासन प्रशासन इस और ध्यान देकर विभाग के कार्यपालन यंत्री की कार्यप्रणाली को देखते हुए शासन हित हेतु निर्देशित करेगा या फिर कार्यपालन यंत्री पार्टी विशेष को साधने के लिए शासन को यूंही चूना लगाता रहेगा ?

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