जिले में हर सात घंटे में एक सड़क हादसा, 20 प्रतिशत बढ़ी दुर्घटनाएं
जिले में सड़क हादसों में लगातार इजाफा हो रहा है। एक जनवरी से 31 अक्टूबर तक हुए हादसों में गत वर्ष के मुकाबले 20 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वर्ष 2022 में हर पौने सात घंटे में एक दुर्घटना हुई।
रतलाम। जिले में सड़क हादसों में लगातार इजाफा हो रहा है। सड़क हादसों का मुख्य कारण तेज रफ्तार, लापरवाही व नियमों की उल्लंघन कर वाहन चलाना है। एक जनवरी से 31 अक्टूबर तक हुए हादसों में गत वर्ष के मुकाबले 20 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वर्ष 2021 में जहां इस अवधि के दस माह में 901 हादसे हुए थे व 153 लोगों की जान गई थी, वहीं इस वर्ष इस अवधि में 1127 हादसे हो चुके हैं। 184 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। 2021 में जहां हर पौने नौ घंटे में एक हादसा हुआ था तो वर्ष 2022 में हर पौने सात घंटे में एक दुर्घटना हुई।
हादसों की कई और वजहें
हादसों के बढ़ने का कारण अच्छी सड़के बनने के साथ वाहनों की रफ्तार अधिक होना, शराब पीकर वाहन चलाना व नियमों को ताक में रखना है। विशेषकर लापरवाही व तेज रफ्तार हादसों का कारण बन रही है। ज्यादातर हादसे हाईवे व शहर से गांवों व अन्य नगरों के रास्तों पर हो रहे है। शहरी व आबादी वाले क्षेत्रों में हादसे कम होते हैं। इसका कारण वहां वाहनों की रफ्तार कम रहती है।
टल सकता था हादसा
इस वर्ष 15 नवंबर की शाम महू-नीमच हाईवे पर जमुनिया पुलिया के पास तेज गति से जा रही कार की चपेट में आने से उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ जिले के मलिकपुरा के चार मजदूरों की मौत व 13 लोगों के घायल होने का सबसे बड़ा व दर्दनाक हादसा हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मजदूर पुलिया के पास रैलिंग लगाने का काम कर रहे थे, तभी इंदौर की तरफ से आ रही कार ने उन्हें चपेट में ले लिया था। यदि वाहन की गति कम होती तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता।
मौत का आंकड़ा भी बढ़ा
वर्ष 2021 में जनवरी से अक्टूबर तक के दस माह में 901 हादसे हुए थे। इन हादसों में 153 लोगों की मौत व 832 लोग घायल हुए थे। इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 1127 हादसे हो चुके है। इन हादसों में 184 लोगों की मौत हुई है। 1103 लोग घायल हुए हैं। हादसों के साथ मौत व घायलों का आंकड़ा भी बढ़ा है। सबसे ज्यादा हादसे सर्दी के मौसम में हुए।
तेज गति पर नियंत्रण के प्रयास
ट्रैफिक डीएसपी अनिलकुमार राय के मुताबिक सड़क हादसों को रोकने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। ज्यादातर हादसे तेजगति, शराब पीकर व रांग साइड वाहन चलाने से होते है। बड़े वाहन की गति सौ से अधिक होने व दोपहिया वाहनों की गति 70 किलोमीटर प्रतिघंटा होने पर वाहन पर ड्राइवर का नियंत्रण नहीं रह पाता है। कारों में कई लोग सीटबेल्ट नहीं लगाते हैं। दोपहिया वाहन चालक व सवार हेलमेट नहीं पहने होते हैं।
पिछले तीन वर्षों में जनवरी से अक्टूबर तक हुए हादसों पर एक नजर