झाबुआ

आखिर क्यों :- जिला प्रशासन और नपा प्रशासन आम रास्ते को आवागमन के लिए प्रारंभ नहीं करवा पा रहा है….?

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झाबुआ- जिले में शासकीय कर्मचारियों की मनमानी का आलम लगातार जारी है जहां एक और शासकीय कर्मचारी ने विगत दिनों व्यापारी से सामान फ्री में देने के लिए रौब जमाया था वहीं दूसरी ओर एक आवेदक ने निजी भूमि को छोड़कर , शासकीय भूमि को अवैध कब्जे से बचाने के लिए जनसुनवाई में भी आवेदन दिया था लेकिन आज तक राजस्व विभाग उस कब्जे धारी पर कोई कार्रवाई नहीं कर सका । वही शहर के वार्ड नंबर 14 में बैंक कर्मचारी द्वारा शासकीय भूमि पर वाहनों का पार्किंग स्थल बनाकर आम रास्ते को प्रारंभ ही नहीं करने दिया जा रहा है । नगर पालिका प्रशासन और जिला प्रशासन मुकदर्शक बनकर मौन है ।

शहर के वार्ड नंबर 14 में रहवासी पढ़े लिखे और समझदार सोच के हैं साथ ही साथ जनहित व लोकहित की दृष्टि को भी ध्यान में रखकर यहा के वार्ड के रहवासी आपस में मिलन सारिता से रहते हैं लेकिन फिर भी कहीं ना कहीं कुछ लोग निजी स्वार्थों को सर्वोपरि मानते हुए जनहित व लोकहित को नकारते हैं कुछ ऐसा ही शहर के वार्ड 14 में सीसीबी बैंक कर्मचारी द्वारा शासकीय आवागमन वाले रास्ते पर अपने निजी वाहनों को पार्क कर इस आम रास्ते को आवागमन को प्रारंभ ही नहीं करने दिया जा रहा । आम रास्ते को प्रारंभ करने के लिए वार्ड के रहवासी ने जनसुनवाई में आवेदन भी दिया था । लेकिन कुछ दिन स्थिति सुधरने के बाद फिर यथावत हो गई और अब यह कर्मचारी दादागिरी करने लग गया है । जब कि नियमानुसार किसी भी आम आवागमन के रास्ते को अवरुद्ध करने.पर नियमानुसार आईपीसी की धारा के तहत संबंधित पर कारवाई की जा सकती है । लेकिन यहां पर जिला प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन इस जनहित के मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहे है । जबकि वार्ड पार्षद को इस तरह की समस्याओं का त्वरित निराकरण करना चाहिए । अगर नगर पालिका अध्यक्ष के वार्ड की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है तो फिर शहर की समस्याओं का समाधान कैसे होगा यह चिंतनीय है ।इसके अलावा कुछ छोटी सोच के लोग के कारण भी शहर का विकास मुंह चिढ़ाता हुआ नजर आता है । अनपढ़ लोग भी आमजन की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आम आवागमन को सुलभ बनाने के लिए प्रयास करते हैं लेकिन कुछ पढ़े लिखे लोग भी अनपढ़ से भी कहीं ज्यादा छोटी सोच का कार्य करते हैं ।

आने वाली खबरों में हम आपको बताएंगे ..किस तरह … कर्मी द्वारा एक निर्धारित सैलरी में थार,डस्टर और किया जैसे वाहनों को मैनेज किया जा रहा है । …. जहां भाजपा के बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा सालों से काम करने के बाद भी एक वाहन मैनेज नहीं हो पा रहा है वही ….कर्मी द्वारा चार चार वाहनों का मैनेजमेंट …..भाजपा और आमजन की समझ से परे है…… कहीं ना कहीं सीआईडी, सीबीआई और लोकायुक्त की अनदेखी का ही नतीजा है की एक निर्धारित सैलरी वाला …..कर्मी के पास करोड़ों की संपत्ति है । सूत्रों से यह भी पता चला है कि किसी एक बड़े पत्रकार के लाखों रुपए यह ……कर्मी हजम कर गया है । सूत्रो पता चला है कि यह ….। कर्मी के पूर्व में अवैध शराब माफियाओं से घनिष्ठ संबंध होने से दोनों ने इसका फायदा उठाया और कॉलोनाइजर भी बना । यह भी पता चला है कि यह … कर्मी विभिन्न बैंकों में घूमते हुए किसी विशेष कंपनी के ट्रैक्टर लोन पास कराने के लिए दलाली भी करता है । इस और तो अब आयकर विभाग /अधिकारी को भी ध्यान देने की आवश्यकता है ।

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