जावरा~~आदिवासी विकास विभाग रतलाम के सहायक आयुक्त कार्यालय में बाबू रहे जावरा के गांव करिया निवासी आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम विशेष न्यायाधीश रतलाम संतोष कुमार गुप्ता ने 4 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई हैं।
शासन की ओर से पेरवीकर्ता रोजर चौहान (विशेष लोक अभियोजक भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) व मीडिया सेल प्रभारी चौपसिंह ठाकुर ने बताया 22 अगस्त 2013 को आवेदक गजेंद्र पिता मदनलाल ररोतिया निवासी पठानटोली जावरा ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में शिकायत आवेदन पत्र दिया था कि उसके पिता माध्यमिक विद्यालय पहाडीबंगला सैलाना में शिक्षक थे। जिनका दिनांक 15 अप्रैल 2010 को निधन हो गया तो उसके पिता के स्थान पर उसने अनुकंपा नियुक्ति के लिए दिनांक 17 जून 2010 को आवेदन दिया था।
सहायक आयुक्त मधु गुप्ता उसकी अनुकंपा नियुक्ति के लिए अपने अधीनस्थ लिपिक रामलाल मालवीय के माध्यम से 15 हजार रिश्वत मांग रही थी। इस पर तत्कालीन लोकायुक्त डीएसपी पदमसिंह बघेल व टीम ने आरोपी बाबू रामलाल को आवेदक गजेन्द्र से 5 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन के इस प्रकरण में माननीय विशेष न्यायालय रतलाम (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) ने रामलाल मालवीय (66 वर्ष) तत्कालीन सहायक ग्रेड-2, कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, रतलाम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1) डी सहपठित धारा 13(2) के अंतर्गत दण्डनीय अपराध के लिए 4 वर्ष के सश्रम कारावास तथा कुल 1 हजार रुपए के अर्थदंड से दण्डित कर आरोपी को जेल भेजा दिया।