रतलाम~~सालभर पहले रिंग रोड के लिए खेती की जमीन छोड़ चुके 191 किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है। अफसरों के सुनवाई नहीं करने पर अब नाराज किसानों ने खुद ही मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने ठेकेदार को साफतौर पर चेता दिया है कि अब हमारी जमीन पर काम मत करना। कुछ किसानों ने तो ठेकेदार के वाहनों का खेत से निकलना बंद करवा दिया है। ऐसे में राजगढ़ की ठेकेदार कंपनी ने भी अर्थ वर्क बंद कर वाहन खड़े कर दिए हैं।
नंदलई फंटे से सालाखेड़ी मांगरोल फंटे तक 20.75 किमी बनने वाली रिंग रोड के दायरे में 10 गांव की 21.535 हेक्टेयर जमीन आ रही है। इसके बदले 191 किसानों को लगभग 11 करोड़ दिए जाना है, लेकिन सरकारी नुमाइंदे भूमि का अधिग्रहण करके रोड का काम चालू करवाकर तमाशा देखने बैठ गए हैं। मुआवजे की फाइल सवा साल से टेबल दर टेबल चक्कर लगा रही है।
फिलहाल पहले से बनाई जा रही पुल-पुलिया का काम ही किया जा रहा है। बता दें कि रिंग रोड की घोषणा 2015 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। निर्माण की शुभारंभ 5 मार्च 2022 को विधायक चेतन्य काश्यप ने किया था। इन गांवों से गुजरेगा – नंदलई, जुलवानिया, बिबड़ौद, खेतलपुर, सागोद, हरथली, मथुरी, तीतरी, करमदी होकर सालाखेड़ी मांगरोल
किसानों का कहना राजस्व विभाग ने ठीक से नहीं किया सर्वे
सरकारी अमला भले ही मुआवजा सूची का प्रकाशन कर दावे-आपत्तियों के निराकरण का दावा कर रहा हो लेकिन किसान कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। बिबड़ौद के भरत सिंह ने बताया राजस्व विभाग ने ठीक से सर्वे नहीं किया है। जुलवानिया के कैलाश निनामा के अनुसार जमीनें तो ले ली, लेकिन मुआवजा नहीं दे रहे। खेत में काम करें या सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाएं।
“एवार्ड पारित हो चुका है, जल्द ही मुआवजा बांटना शुरू कर देंगे। कुछ दावे-आपत्ति में समस्या है, उनके निराकरण की कार्रवाई की जा रही है। रिंग रोड का काम चल रहा है।”
पीके राय, एसडीओ-पीडब्ल्यूडी “अब तक मुआवजा नहीं मिला है। सड़क बनाने के लिए जमीन लेने में जितनी जल्दी की, मुआवजा बांटने में उतनी ही लेटलतीफी की जा रही है। यह गलत तरीका है, कार्रवाई करेंगे।” राकेश भारती, किसान-सागोद