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राष्ट्रीय रैबीज नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण संपन्न

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राष्ट्रीय रैबीज नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण संपन्न

रतलाम/ राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला प्रशिक्षण केंद्र बिरियाखेड़ी में जिले से नामांकित नर्सिंग स्‍टाफ और फार्मासिस्‍ट का एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिला सर्विलेंस अधिकारी डॉ. जी.आर. गोड द्वारा रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के बारे में उपस्थित प्रशिक्षणार्थी को जानकारी दी।

डॉ. जी.आर. गोड ने बताया कि रेबीज एक जानलेवा बीमारी है जो कि संक्रमित श्‍वान या अन्य जंगली जानवर के काटने पर होती है। एंटी रेबीज वैक्सीन का टीका न लगाने पर मरीज को रेबीज का खतरा बढ़ सकता है और उसे बचाना मुश्किल हो जाता है। जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. गौरव बोरीवाल आईडीएसपी शाखा द्वारा बताया गया कि विश्व में रेबीज के कारण 59 हजार लोगों की प्रतिवर्ष मृत्यु हो जाती है। रेबीज उन्मूलन के लिए शासन स्तर पर निरंतर प्रयास जारी है तथा वर्ष 2030 तक रेबीज से होने वाली मृत्यु को शून्य किया जाना निर्धारित किया गया है। व्यक्ति को किसी भी जानवर या स्वान के काटने  पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र मैं जाकर एवं 48 घंटे के भीतर रेबीज का टीका लगाया जाना अति आवश्यक है। साथ ही मरीज को रेबीज का संपूर्ण टीकाकरण किया जाना भी आवश्यक है। सावधानी के तौर पर जानवर के काटे गए स्‍थान को खुला रखें और तेल, चूना, पत्‍ते आदि नहीं लगाना चाहिए और अस्‍पताल में तत्‍काल उपचार कराना चाहिए। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रभारी सीएमएचओ डॉ. वर्षा कुरील, डीपीएम डॉ. अजहर अली, डॉ. शैलेन्‍द्र माथुर, श्‍वेता बागडी, श्री सूरज वर्मा, श्री सचिन वर्मा एवं अन्‍य कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।

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