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हेडक्वार्टर की परमिशन:डीआरएम को अब 2.5 करोड़ तक के काम में, अनुमति की जरूरत नहीं रतलाम7 घंटे पहले

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रतलाम !अभी इन छोटे-छोटे काम के लिए अलग से बजट होने के बावजूद डीआरएम को प्रस्ताव बनाकर जोन हेडक्वार्टर भेजकर मंजूरी लेना पड़ती थीयात्री सुविधा, सुरक्षा के साथ ट्रैफिक, सिग्नल, स्टाफ वेलफेयर से जुड़े छोटे काम के लिए मंडल रेल प्रबंधकों को हेडक्वार्टर की परमिशन नहीं लेना होगी। 1 से 2.5 करोड़ रुपए तक के काम (अंब्रेला वर्क में शामिल) को डीआरएम खुद ही करा सकेंगे। रेलवे बोर्ड ने देश के सभी 73 मंडलों के डिविजनल रेल मैनेजर (डीआरएम) के वित्तीय अधिकार बढ़ा दिए हैं। ये कवायद कामों में तेजी लाने के लिए है।

अभी इन छोटे-छोटे काम के लिए अलग से बजट होने के बावजूद डीआरएम को प्रस्ताव बनाकर जोन हेडक्वार्टर भेजकर मंजूरी लेना पड़ती थी। इसमें कभी-कभी सालभर लग जाता है। इसी समय को बचाने के लिए रेलवे बोर्ड के अधिशासी निदेशक वित्त अजीत कुमार श्रीवास्तव ने आदेश जारी कर डीआरएम के पावर में इजाफा कर दिया है।

प्लेटफॉर्म टिकट का किराया तय करने के अधिकार वापस लिए

2015 से मंडल रेल प्रबंधकों को मिली प्लेटफॉर्म टिकट के रेट तय करने की शक्ति रेल मंत्रालय ने वापस ले ली है। अभी मेला, रैली, महामारी व अन्य मौके पर जब प्लेटफॉर्म पर भारी भीड़ जुटने की संभावना हो तो नियंत्रण के लिए डीआरएम प्लेटफॉर्म का किराया बढ़ा देते थे। अब वे अपने स्तर पर ऐसा नहीं कर सकेंगे।

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