RATLAM

एयरपोर्ट के नाम पर सिर्फ टालमटोल

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हर सर्वे को नकारा, ऐसे कैसे आएगा कोई निवेश करने
औद्योगिक निवेश क्षेत्र से लेकर टेक्सटाइल्स पार्क के दिखाए हैं सपने~~

रतलाम. रतलाम में मेडिकल कॉलेज खुल गया और जल्दी ही हास्पिटल खोलने की बात हो रही है। टेक्सटाइल्स पार्क से लेकर औद्योगिक निवेश के सपने दिखाए जा रहे हैं, लेकिन निवेशक को आकर्षिक करने के लिए सबसे जरूरी एयरपोर्ट के नाम पर सिर्फ टालमटोल हो रहा है। अब तक हुए सभी सर्वे को नकार दिया गया है और अब दावे किए जा रहे है कि उड़ान योजना में रतलाम को एयरपोर्ट की सुविधा मिलेगी।

शहर में एयरपोर्ट के नाम पर कोरा आश्वासन ही मिल रहा है। 2018 में शासन ने इसके निर्माण के लिए सर्वे करवाया। तब से अब तक चार साल में चार बार सर्वे हो गया। शासन से लेकर एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया के पास रिपोर्ट चली गई। इसके बाद किसी प्रकार की गति अब तक नहीं हुई है, जबकि रतलाम के लिए जो सुविधाओं के दावे हो रहे है, वो सब बगैर एयरपोर्ट के अधूरे हैं।
ये है उड़ान योजनाजरूरी है एयरपोर्ट
असल में रतलाम में टेक्सटाइल्स पार्क मंजूर हो चुका है। करीब 1800 हेक्टेयर भूमि पर औद्योगिक निवेश की तैयारी चल रही है। इस निवेश के लिए राजस्थान के एक उद्योगपति ने दो बार बैठक शहर विधायक चेतन्य काश्यप के साथ की है। राजस्थान से आए उद्योगपति को जो भूमि चाहिए, कार्रवाई भी कागजी ही चल रही है।

तत्कालीन समय में जो रिपोर्ट बनी थी उसमे 29 हेक्टयर भूमि का अधिग्रहण करने पर जोर दिया गया था। इसके लिए बंजली के करीब स्थान का चयन किया गया था। इसके बाद गति नहीं आई।

इन्होंने किया है सर्वे2018 से 2022 तक एयरपोर्ट अथारिटी के सदस्य मुकेश सोलंकी ने दो बार, एक अन्य सदस्य संजय अग्रवाल ने अपनी – अपनी रिपोर्ट दी है। इस रिपोर्ट में रतलाम से एक साल में ट्रेन के एसी कोच में मुंबई, नई दिल्ली, पुना, बंगलुरू, चैन्नई जाने वाले यात्रियों की जानकारी दी गई थी। बाद में एक निजी एयरलाइन कंपनी को सर्वे का काम सौपा गया, इस कंपनी को अपनी रिपोर्ट 31 दिसंबर 2021 तक देना थी, लेकिन कंपनी सर्वे के लिए ही नहीं आ पाई।

असल में रतलाम में टेक्सटाइल्स पार्क मंजूर हो चुका है। करीब 1800 हेक्टेयर भूमि पर औद्योगिक निवेश की तैयारी चल रही है। इस निवेश के लिए राजस्थान के एक उद्योगपति ने दो बार बैठक शहर विधायक चेतन्य काश्यप के साथ की है। राजस्थान से आए उद्योगपति को जो भूमि चाहिए, कार्रवाई भी कागजी ही चल रही है।अब रतलाम को उड़ान योजना में एयरपोर्ट की मजूरी के दावे किए जा रहे है। असल में नागरीय विमानन मंत्रालय की उड़ान योजना एक क्षेत्रीय संपर्क परियोजना है जो कम दर पर देश के छोटे शहरों को हवाई जहाज की सेवा से जोड़ती है। इसी योजना में रतलाम को 2023-2024 में लाभ देने के दावे किए जा रहे है। हवाई मार्ग के नियम के अनुसार 100 किमी की हवाई दूरी होने पर ही नए एयरपोर्ट को मंजूरी मिलती है, जबकि इंदौर से रतलाम 105 किमी हवाई दूरी पर है।

एयरपोर्ट जरूरी हो गया

ये बात सही है कि रतलाम में एयरपोर्ट जरूरी हो गया है। चुनाव पूर्व उड़ान योजना में रतलाम के लिए एयरपोर्ट की मंजूरी करवा दी जाएगी।~~– गुमान सिंह डामोर, सांसद रतलाम

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