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पीड़ित ने उपभोक्ता फोरम की ली शरण:उपभोक्ता फोरम ने कंपनी को राशि देने के आदेश दिए

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सैलाना~~एक स्वास्थ्य बीमा कंपनी से 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कराने व प्रीमियम राशि समय पर लेने के बावजूद जब संबंधित को इलाज में खर्च राशि नहीं दी, तो पीड़ित ने जिला उपभोक्ता फोरम की शरण ली। दोनों पक्षों को सुनने के बाद फोरम ने इंश्योरेंस कंपनी को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए उसे इलाज की पूरी राशि ब्याज सहित अदा करने के निर्देश दिए। साथ ही कंपनी को मानसिक त्रास के लिए 10 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति व 2 हजार रुपए वाद व्यय की राशि भी अलग से अदा करने का आदेश दिए।

गिरधारी पिता किशनलाल पाटीदार ने केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से 2019 में 5 लाख रुपए की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ली थी। यह पॉलिसी 2022 तक निरंतर चलती रही। इसी दौरान 2020 में परिवादी की पत्नी सविता पाटीदार कोरोना से संक्रमित हो गई और बाद में 7 नवंबर 2020 को अहमदाबाद के एक अस्पताल में उनका उपचार और ऑपरेशन करवाया गया। सविता पाटीदार के उपचार पर कुल 4.88 लाख रुपए खर्च आया। परिवादी ने उपचार की राशि केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से प्राप्त करने के लिए दावा प्रस्तुत किया। लेकिन कंपनी ने सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद भी यह राशि परिवादी को नहीं दी। परिवादी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में गलतियां निकालकर उसे निरस्त कर दिया गया।

इसके बाद सविता और गिरधारी लाल पाटीदार ने अभिभाषक प्रणय ओझा के माध्यम से जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम में हेल्थ केयर कंपनी के मुख्य प्रबंधक और शाखा प्रबंधक के विरुद्ध परिवाद प्रस्तुत किया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के अवलोकन के बाद उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष रमेश मावी और सदस्य जयमाला संघवी ने केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा इलाज की राशि नहीं दिए जाने को सेवा में कमी मानते हुए कंपनी को परिवादी के उपचार की संपूर्ण राशि 4 .88 हजार दिए जाने के आदेश पारित किए। साथ ही देरी करने पर 7 प्रतिशत की दर से ब्याज भी अदा करने का आदेश दिया।

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