RATLAM

सिटी का सैटेलाइट मैप लेकर आई नोएडा की कंपनी:अब ज्योग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम से नपेगा शहर का चप्पा-चप्पा, पकड़े जाएंगे कम संपत्ति कर भरने वाले रतलाम

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रतलाम~~मकान और भूखंडों का वास्तविक आकार से कम का संपत्ति कर भरने वाले सावधान हो जाएं। जीआईएस (ज्योग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम) सर्वे इसी सप्ताह से चालू हो जाएगा। इसमें सैटेलाइट के माध्यम से शहर के चप्पे-चप्पे में स्थिति हर तरह की प्रापर्टी नप जाएगी। अभी नगर निगम में लगभग 54800 प्राॅपर्टी रजिस्टर्ड है। सर्वे का डाटा आने पर उसे निगम के रिकॉर्ड से क्रास चेक किया जाएगा। साथ ही फिजिकल वेरिफिकेशन भी होगा। इस प्रोसेस में वे लोग पकड़ में आ जाएंगे, जो मकान व प्लॉट के आकार से कम का संपत्ति कर भर रहे हैं।

उन्हें नोटिस देकर जीआईएस सर्वे के अनुसार नए सिरे से संपत्तिकर का निर्धारण कर वसूलेंगे। इसके अलावा ऐसी प्राॅपर्टी भी रिकॉर्ड में आ जाएगी, जिनके मालिक संपत्तिकर नहीं भर रहे हैं। निगम को उम्मीद है कि इससे रजिस्टर्ड प्राॅपर्टी की संख्या बढ़कर 70 हजार पहुंच जाएगी। जीआईएस सर्वे का जिम्मा निगम ने नोएडा (दिल्ली) की कंपनी वोन इंडिया सर्विसेस को दिया है। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर और टीम भोपाल से सैटेलाइट मैप लेकर पहुंच गई है।

निगम में अभी तक 40 प्रतिशत ही संपत्तिकर जमा हुआ
दरअसल यह सारी कवायद संपत्तिकर की वसूली बढ़ाने के लिए की जा रही है, जो पिछले कुछ सालों से 55 से 75 प्रतिशत के बीच झूल रहा है। इस साल भी हालत खस्ता है। 15 करोड़ के सालाना लक्ष्य के मुकाबले नवंबर तक की स्थिति में 6.1 करोड़ यानी लगभग 40 प्रतिशत ही संपत्तिकर जमा हुआ है। इसे बढ़ाने के लिए नगर निगम 19 दिसंबर से 17 मार्च तक सभी 49 वार्ड में वसूली शिविर लगाने जा रहा है। पिछले साल भी 16 करोड़ के विपरीत 12 करोड़ ही जमा हुए थे। जीआईएस मैपिंग के बाद प्रापर्टी टैक्स की वसूली 100 प्रतिशत होने की उम्मीद है। इससे विकास कार्यों के लिए सरकारी अनुदान भी भरपूर मिलेगा।

इसके ये फायदा होगा

  • बड़े विकास कार्यों में कहां-क्या करना है सैटेलाइट मैप देखकर प्लानिंग कर सकेंगे।
  • प्राॅपर्टी टैक्स की वसूली 100 प्रतिशत होने लगेगी।
  • बिना अनुमति के होने वाले निर्माण पकड़ में आ जाएंगे।
  • अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर नजर रखी जा सकेगी।

जीआईएस सर्वे बहुत जरूरी है। इससे संपत्तिकर की वसूली बढ़ जाएगी। साथ ही बहुत सारा ऐसा डाटा मिलेगा, जिससे विकास कार्यों की प्लानिंग करने के साथ उनकी मॉनीटरिंग भी की जा सकेगी। – चेतन्य काश्यप, विधायक

नोएडा की वोन इंडिया कंपनी ने जिम्मेदारी ली है। सैटेलाइट मैप आ गया है। कंपनी को प्रत्येक प्रापर्टी के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। हमारे उद्देश्य संपत्तिकर वसूली बढ़ाना है। -विकास सोलंकी, उपायुक्त नगर निगम

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