झाबुआ

भारत सरकार एवं झारखंड सरकार द्वारा सम्मेद शिखरजी तीर्थ को पर्यटन स्थल की घोषणा का जैन समाज द्वारा किया गया तीव्र विरोध और दिया ज्ञापन

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झाबुआ। जैन धर्म प्रवर्तक 24 तीर्थंकर भगवान में से 20 तीर्थंकर व अनन्त आत्माओं के मोक्ष जाने वाली तपो भूमि शाश्वत तीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किये जाने की अधिसूचना जारी होने एवं प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान की मोक्ष भूमि श्री पालीतानाजी तीर्थ पर रोहित शाला में पगलियाजी खंडित किये जाने के समाचार से अहिंसा प्रधान जैन धर्म के साधु संत सहित उनके अनुयायी काफी आहत हुए है। ऐसे में पूरे भारत में सोरेन सरकार के खिलाफ विरोध के स्वर प्रखर हुए है। शालीन जैन समाज ने अपना विरोध दर्ज करवाते हुए पूरे भारत बन्द का आह्वान किया गया । जिसके फल स्वरूप झाबुआ शहर मे सकल जैन समाज ने अपने व्यापार बन्द रख कर विशाल रैली का आयोजन किया।

दोपहर करीब 2:00 बजे जैन समाज के अनुयायी राजवाड़ा चौक पर एकत्रित हुए तथा रैली प्रारंभ की। रैली में पुरुषों के अलावा पहली बार महिलाओं व बच्चों ने भी शामिल होकर सोरेन सरकार व केंद्र सरकार के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए जमकर नारे बाजी की । जैन धर्म का नारा है सम्मेद शिखरजी हमारा है …के नारों से गूंजा शहर । रैली राजवाडा चौक से प्रारंभ हुई जो नगर के मुख्य मार्ग से होती हुई कलेक्टर कार्यालय पहुँची । जहाँ सकल संघ ने एकता का परिचय देते हुए जैन समाज के तीर्थ को बचाने व उपद्रवियों पर कार्यवाही करने की अपील की । यहां सकल जैन समाज ने एक स्वर में कलेक्टर कार्यालय में नारेबाजी करते हुए सम्मेद शिखर जी को तीर्थ स्थल पुन: घोषित किए जाने की मांग की । जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक श्रीसंघ अध्यक्ष मनोहरलाल भंडारी , स्थानकवासी जैन श्रीसंघ अध्यक्ष प्रवीण रनवाल , तेरापंथ समाज श्रीसंघ अध्यक्ष कैलाश श्रीमाल , दिगंबर जैन श्रीसंघ अध्यक्ष विजय कुमार शाह ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ,भारत शासन पर्यटन मंत्री व झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन, अपर कलेक्टर एसएस मुजाल्दा को दिया ।

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