झाबुआ

ना तो बस स्टैंड की अव्यवस्थाओं में सुधार हुआ और ना ही उत्कृष्ट सड़क का उद्धार हुआ..यह कैसा प्रशासन?

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झाबुआ – शहर में अव्यवस्थाओं को सुधारने या उसमें संशोधन या उसे सरल कैसे बनाया जाए इस और ध्यान देने के बजाय मात्र प्रशासन द्वारा कागजी खानापूर्ति की जा रही है जिससे शहर की जनता परेशान है प्रशासन द्वारा भी कोई घटना दुर्घटना होती है तो दिखावा के लिए जरूर कारवाई की जाती है लेकिन बाद में ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होती है शहर में अव्यवस्थाओं का दौर लगातार जारी है जिसमें प्रमुख रुप से बस स्टैंड की अव्यवस्थाओं में और दूसरा उत्कृष्ट सड़क को लेकर , लेकिन अब भी जिम्मेदारो द्धारा आश्वासन देकर इतिश्री की जा रही है ।

शहर के बस स्टैंड पर बस संचालकों की मनमानी और बसों को कहीं भी खड़ा कर देना, ऑटो संचालकों द्वारा भी बस स्टैंड पर एक बड़ी जगह को कवर करना , वहीं हाथ ठेला व्यवसायो द्वारा बस स्टैंड पर अव्यवस्थित तरीके से हाथ ठैला लगाना और आसपास की जगह को अन्य सामान से कवर करना । इन सारी अव्यवस्थाओं के कारण शहर का बस स्टैंड धीरे-धीरे सिकुड़ता जा रहा है शासन प्रशासन की अनदेखी या लापरवाही के कारण इन सभी द्वारा मनमानी करते हुए बस स्टैंड क्षेत्र में यात्रियों के लिए कम जगह ही नजर आती है । विशेष रूप से महिलाओं और विद्यार्थियों के लिए क्षेत्र में बैठने के लिए तो ठीक , खड़े रहने के लिए भी जगह को ढूंढना पड़ता है । यदि कोई यात्री अपना सामान लेकर बस स्टैंड पर खड़ा भी हो जाए , तो कभी हाथ ठेला व्यवसायी तो, कभी ऑटो चालक , तो कभी बस स्टैंड क्षेत्र के दुकानदारों द्धारा हटाया जाता है । वही विगत दिनों ही बस स्टैंड पर की अव्यवस्था के कारण ही एक ग्रामीण जन को अपनी जान गवाना पड़ी थी । जिसके बाद जिला प्रशासन ने कागजी खानापूर्ति है हेतु जरूर कार्यवाही की । लेकिन वह भी ढाक के तीन पात की कहावत की तरह चरितार्थ हुई और पुन: अव्यवस्थाओं ने अपने पैर पसार लिए । तत्कालीन कलेक्टर चंद्रशेखर बोरकर ने बस स्टैंड की अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए प्रयास भी किए थे वह प्रयास काफी हद तक सफल भी हुए । लेकिन उनके जाने के बाद पुन: अव्यवस्थाएं नजर आने लग गई है । बस स्टैड व आसपास की अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए नगर पालिका परिषद के पार्षदों को भी अहम भूमिका निभाना होगी और कुछ कड़वे निर्णय लेते हुए , इस क्षेत्र को आम व्यक्तियों व यात्रियों के लिए सुलभ व सरल बनाना होगा । याने बस स्टैड व आसपास क्षेत्र की हाथ ठेला व्यवसायियों को बस स्टैड पर ही पुराने डॉक्टर क्वार्टर वाले स्थान पर जगह दी जाए , तो बस स्टैंड की व्यवस्थाओं में काफी हद तक सुधार होगा । शहर के पोस्ट ऑफिस वाले रोड, थांदला गेट और मेन बाजार में खड़े रहने के हाथ ठैला व्यवसायो को भी एक नियत स्थान देना होगा , तभी शहर की अव्यवस्थाओं और यातायात में सुधार होगा ।

यदि हम बात करें उत्कृष्ट सड़क की तो यह उत्कृष्ट सड़क अपनी उत्कृष्टता के लिए अब भी इंतजार में है लेकिन न तो नगर पालिका प्रशासन द्वारा और ना ही जिला प्रशासन द्वारा इस उत्कृष्ट सड़क को लेकर कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं हां यह जरूर है कि विगत दिनों ही नगर पालिका परिषद की बैठक में यह मुद्दा छाया रहा । लेकिन धरातल पर इस सड़क को उत्कृष्ट कैसे बनाया जाएगा । यह देखना दिलचस्प होगा । यह सड़क जगह-जगह से टूट चुकी है और बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं और कई बार यह गडढे दुर्घटना को भी न्योता दे सकते हैं । मेघनगर नाके से लेकर किशन तक इस उत्कृष्ट सड़क में विशेष रुप से पीडब्ल्यूडी कार्यालय के पहले पुल पर बड़े-बड़े गड्ढे होने से दुर्घटना की संभावना बनी हुई है वही आगे जाने पर ट्रैफिक गार्डन के बाहर वाले हिस्से में पानी की निकासी नहीं होने से छोटे-छोटे गड्ढों में पानी भर जाने से भी दुर्घटना की संभावना बनी हुई है वही थोड़ा आगे जाने पर कृषि उपज मंडी से लेकर दूध डेयरी के रास्ते पुल वाले हिस्से में भी यह सड़क पूरी तरह से टूट चुकी है जिससे दुर्घटना की संभावना बनी हुई है । इस तरह इस शहर में विशेष रुप से बस स्टैंड की अव्यवस्थाओं और उत्कृष्ट सड़क को लेकर शहरवासी और यात्री मुख्य रूप से परेशान है । यह कहने में भी कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि न तो बस स्टैंड की अव्यवस्थाओं में सुधार हुआ और न हीं उत्कृष्ट सड़क का उद्धार हुआ यह कैसा प्रशासन ……? । क्या शासन-प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी इन अव्यवस्थाओ और समस्या के लिए कोई ठोस निर्णय लेगे या फिर शहर की जनता यूं ही परेशान होती रहेगी…..? । वही वार्ड क्रमांक 14 में भी शासकीय गली में अवैध रूप से बनाई गई पार्किंग को लेकर भी कोई कार्यवाही ना करना भी , इस वार्ड में चर्चा का विषय बना हुआ है ।

योजना बनाकर हाथ ठेला व्यवसायो व अन्य को नियत स्थान प्रदान किया जाएगा और अव्यवस्था में सुधार के प्रयास किए जाएंगे । तथा उत्कृष्ट सड़क हेतु शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा है । स्वीकृति मिलते ही शीघ्र कार्य प्रारंभ किया जाएगा

श्रीमती कविता सिंगार , नगरपालिका अध्यक्ष , झाबुआ ।

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