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दिव्यांग समरथ को मिली व्हीलचेयर~~~ खुशियों की दास्तां – समूह से जुड़कर दिव्यांग ललिता आत्मनिर्भर बनी

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दिव्यांग समरथ को मिली व्हीलचेयर

रतलाम / रतलाम में आयोजित दिव्यांग कल्याण शिविर में कई दिव्यांगजनों को सहायक अंग उपकरण नि:शुल्क प्रदान किए गए जिससे उनके जीवन की राह आसान होगी। इन्हीं में एक ग्राम धामनोद के रहने वाले श्री समरथ प्रजापति भी थे जिनको शिविर के माध्यम से नि:शुल्क व्हीलचेयर मिली है जिस पर समरथ प्रसन्नता के साथ बैठकर शिविर स्थल से अपने गांव की ओर रवाना हुए।

करीब 35 वर्षीय दिव्यांग श्री समरथ के पिता श्री बाबूलाल प्रजापत ने बताया कि बचपन से ही दिव्यांग है। उसके हाथ-पैर काम नहीं करते हैं, बात भी नहीं कर पाता है, चलने-फिरने में दिक्कत है लेकिन अब इधर-उधर आने जाने में समरथ को दिक्कत नहीं आएगी। शिविर के माध्यम से मिली व्हीलचेयर पर सवार समरथ बोल तो नहीं पाया परंतु उसके चेहरे की खुशी बता रही थी कि वह व्हीलचेयर मिलने से हृदय से बहुत प्रसन्न है। इसके लिए उसके पिता बाबूलाल प्रजापत ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद भी दिया।

खुशियों की दास्तां –

समूह से जुड़कर दिव्यांग ललिता आत्मनिर्भर बनी

रतलाम / जिले के ग्राम कलोरी की रहने वाली दिव्यांग श्रीमती ललिता ग्रामीण आजीविका मिशन के समूह से जुड़कर बहुत खुश हैं। ललिता बताती हैं कि वह और उनके पति दोनों दिव्यांग हैं। ललिता के पति द्वारा परिवार का पालन पोषण अपनी थ्री व्हीलर पर आसपास के ग्रामों में सब्जी बेचकर किया जाता है जिससे परिवार मे 200-300 रुपए की ओसत आमदनी प्रतिदिन होती थी। कोविड काल में पति का स्वास्थ्य खराब होने से परिवार की आर्थिक स्थित बिगड़ने लगी। ललिता को ग्रामीण आजीविका मिशन के समूह के बारे में पता चला। गांव की महिलाओं ने उसे समूह से जुडने के लिए प्रेरित किया तथा समूह से जुड़कर मिलने वाले आर्थिक लाभ के बारे में ललिता को बताया।

ललिता ग्रामीण आजीविका मिशन के समूह से जुड़ गई और समूह की बेठकों में जाने लगी। बैठकों में ललिता को बचत का महत्व ओर शासकीय योजनाओ की जानकारी प्राप्त होने लगी। ललिता ने प्रेरणा लेते किराना दुकान संचालन के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना से ऋण हेतु आवेदन किया। कुछ समय बाद मिशनकर्मियों की सहायता से ललिता को योजना अंतर्गत 10 हजार का ब्याज मुक्त ऋण प्राप्त हुआ। प्राप्त राशि से ललिता ने ग्राम में ही छोटी सी किराना दुकान प्रारंभ की और पति की मदद से उसका संचालन करने लगी।

जब दुकान में व्यवसाय अच्छा होने लगा तो ललिता ने समूह से 7 हजार रुपए का और ऋण लेकर अपनी दुकान का विस्तार किया तथा फल-सब्जी बेचना भी प्रारंभ कर दिया। ललिता को प्रतिदिन 400-600 रुपए की कमाई हो जाती है। बैंक तथा समूह से लिया गया ऋण भी ललिता समय पर चुका रही है। ललिता अपनी तरक्की के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को हृदय से धन्यवाद देती हैं। ललिता का मोबाइल नं. 9753957573 है।

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