रतलाम~~रेलवे में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही एक परंपरा पर ब्रेक लग गया है। महाप्रबंधकों के राजशाही तरीके से होने वाले सालाना निरीक्षणों को रेल मंत्रालय ने बंद कर दिया है। अब देशभर के सभी 17 जोन के जनरल मैनेजर को अन्य अफसरों की तरह ही निरीक्षण करना पड़ेगा। इसमें जीएम को न स्पेशल ट्रेन मिलेगी न आवभगत में 100 से ज्यादा रेलकर्मियों की फौज रहेगी। रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर कुलदीप सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
दरअसल जिस समय भारत में रेल चली उस समय अंग्रेजों का शासन था और वे इसी तरह के निरीक्षण पर निकलते थे, हालांकि उस समय पदनाम अलग थे। इस कोलोनियल माइंडसेट यानी औपनिवेशिक मानसिकता को बदलने की पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। निरीक्षण के दौरान कम से कम 8 डिब्बों की स्पेशल ट्रेन में डीआरएम समेत मंडल के 60 से ज्यादा कर्मचारी रहते थे। इस तरह जीएम के निरीक्षण में 100 से ज्यादा रेलकर्मी साथ रहते थे।