झाबुआ

5 जनवरी को जिला जेल झाबुआ में विधिक साक्षरता शिविर

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झाबुआ 5 जनवरी 2023। दिनांक 05 जनवरी को माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश श्रीमान मोहम्मद सैय्यदुल अबरार जी के निर्देशानुसार एवं जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ श्रीमान लीलाधर सोलंकी जी की अध्यक्षता, मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट श्री गौतम सिंह मरकाम, न्यायिक मजिस्टेªट श्री विजय पाल सिंह चैहान एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सागर अग्रवाल की उपस्थिति में जिला जेल झाबुआ में विधिक साक्षरता शिविर एवं जेल निरीक्षण का आयोजन किया गया। शिविर में श्री सोलंकी जी ने जानकारी देते हुए बताया गया कि जेल सजा कटाने का स्थान नहीं वरन पश्चाताप हेतु आत्मचिंतन का स्थान है। यहां बंदियों द्वारा अतीत में जाने अनजाने किए गए अपराध का पश्चाताप करें और अपने वर्तमान को संभाले। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार किसी भी बंदी को न्याय पाने का निःशुल्क, विधिक सहायता प्राप्त करने का अधिकार है चाहे वह विचाराधीन बंदी हो या सजायाफ्ता हो। उन्होंने बैरको में पहुंचकर बंदियों से रूबरू होते हुए उनके जेल मे होने का कारण, जेल में होने की अवधि, उनके स्वास्थ्य, भोजन, पेयजल, साफ-सफाई आदि के संबंध में जानकारी प्राप्त की। शिविर में मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट श्री गौतम सिंह मरकाम जी ने बंदी को बताया कि ऐसे अभियुक्त जो छोटे-छोटे अपराधों में जेल में निरूद्ध है वे अभियुक्त अपना अपराध स्वीकार कर प्लीबारगेंनिग के माध्यम से प्रकरण का निराकरण करवा सकते है। कोई भी व्यक्ति न्याय पाने से वंचित न रह जाए इसके लिए हमारे संविधान में सक्षम निःशुल्क विधिक सहायता की व्यवस्था की गई। निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त किए जाने हेतु प्रत्येक जिले में जिला न्यायालय परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, तहसील स्तर पर सिविल न्यायालय में तहसील विधिक सेवा समिति कार्यरत है जो बंदी जेल में निरूद्ध हैं वे जेल के माध्यम से अपना आवेदन प्रेषित कर सकते है। न्यायिक मजिस्टेªट श्री विजय पाल सिंह चैहान ने विधिक साक्षरता शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि एक बार जेल आने वाले बंदियों को दूसरी बार जेल जाना नहीं पड़े, जेल सजा के लिए नहीं बल्कि जेल एक सुधारगृह होता है। अतः उन्होंने जेल से छूटने के बाद एक अच्छे नागरिक बनकर जीवनयापन करने की बात कही। जेल अधीक्षक श्री दुष्यंत पगारे द्वारा बताया गया कि जिला करागार में कुल 278 बंदी है, जिनमें पुरूष 266 बंदी एवं महिला 12 बंदी है। महिला बंदियों द्वारा बताया गया कि समय से नाश्ता एवं भोजन उपलब्ध कराया जाता है किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है।

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