रतलाम~~दिल के मरीजों के लिए सर्दी का मौसम काफी खतरनाक होता है। ठंड के मौसम में नसें ज्यादा सिकुड़ती हैं और सख्त बन जाती हैं। इससे नसों को गर्म और एक्टिव करने के लिए ब्लड का फ्लो व प्रेशर भी बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक होने का खतरा भी बढ़ जाता है। रतलाम जिला अस्पताल में पिछले डेढ़ माह से हर दूसरे दिन हार्ट अटैक का एक रोगी आ रहा है। सुखद बात यह है कि डेथ रेट कम है। इस मौसम में विशेष कर हार्ट रोगियों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
नवंबर व दिसंबर माह में सर्दी कम होने के बाद भी हार्ट अटैक के मामले ज्यादा देखने में आए हैं। जिला अस्पताल में हर दूसरे दिन हार्ट का एक मरीज आ रहा है, वहीं जिले के निजी अस्पतालों में भी हार्ट के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इस तरह देखा जाए तो हर दिन एक से दो व्यक्ति को हार्ट की समस्या हो रही है। हर दिन औसतन सौ व्यक्ति सीने में दर्द की शिकायत लेकर अस्पतालों में पहुंचकर ईसीजी करा रहे हैं। जिन्हें हार्ट की समस्या आ रही है, उन्हें आइसीयू में भर्ती किया जा रहा है। डाक्टरों के अनुसार ज्यादा सर्दी में शरीर में केटिकोलामीन हार्मोन बढ़ जाता है। इससे खून गाढ़ा होने लगता है तथा ब्लर्ड प्रेशर बढ़ाने का कारण बनता है।
जब खून दिल तक सही मात्रा में नहीं पहुंच पाता है तो हार्ट अटैक होता है। अटैक से बचने के लिए विशेषकर शुगर व ब्लडप्रेशर के रोगियों तथा जिन्हें पहले अटैक आ चुका है, उन्हें ज्यादा सावधानी रखने, समय-समय पर जांच कराने व समय पर दवा लेने की जरूरत है। एक सप्ताह से तापमान लगातार कम हो रहा है और न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस के नीचे तक पहुंच गया है। तीन दिन से शीतलहर चल रही है। ऐसे में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
बचने के लिए क्या करें
जो दिल की बीमारी से ग्रसित हैं, उन्हें विशेषकर सर्दी के मौसम में सुबह जल्दी वाक करने से बचना चाहिए। खाने में नमक का सेवन कम करें। हार्ट के रोगी को नियमित दवाई लेनी चाहिए तथा हार्ट का चेकअप कराते रहना चाहिए। गर्म कपड़े पहनें। गुनगुनी धूप लें। खानपान का ध्यान रखें।
तत्काल अस्पताल पहुंचे
सर्दी में अटैक आने की संभावना ज्यादा रहती हैं। हर दूसरे दिन हार्ट संबंधी एक रोगी आ रहा है। खानपान का ध्यान रखें। ज्यादा तेल व मसालेयुक्त खाद्य सामग्री के सेवन से बचें। पैदल चलें। सीने में दर्द या बेचैनी होने पर तत्काल अस्पताल पहुंचकर इलाज कराएं।