रतलाम। वर्ष 2023 में चार ग्रहण होंगे, लेकिन खुशी बात यह है कि दृश्य मात्र एक चंद्रग्रहण होगा। ज्योतिषियों के अनुसार भारत में 28 अक्टूबर को लगने वाला खंडग्रास चंद्रग्रहण मान्य होगा। यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र में जिनका जन्म हुआ और और जिनकी मेष राशि वालों के लिए पीढ़ा दायक रहेगा। ये सारे ग्रहण भारत के बाहर होने से भारत का मान-सम्मान बढ़ेगा।
ज्योतिषी संजय शर्मा ने बताया कि निर्णय सागर पंचांग, सिद्धीविजयी पंचांग के अनुसार इस दौरान गुरु और राहू जो चांडाल योग साल भर चलेगा, उससे भारतीय जनता को कष्ट रहेगा। आंधी-तुफान के योग रहेंगे। सुनार, लुहार, हलवाई के कार्य करने वालों के लिए कष्ट रहेगा। धान्य और धातु के भाव में गिरावट के योग बन रहे हंै।
28 अक्टूबर की मध्यरात्रि को होगा चंद्रग्रहणज्योतिषी रवि जैन ने बताया कि धार्मिक ग्रंथों में ग्रहण को लेकर शुभ कार्यों को निषेध माना गया है, इसीलिए साल खुलते ही लोगों के मन में भारत में कितने सूर्य-चंद्र ग्रहण होंगे इसकी उत्सुकता रहती है। वर्ष 2023 में केवल एक ही खंडग्रास चंद्रग्रहण 28-२९ अक्टूबर की मध्यरात्रि 1 बजकर 6 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। ज्योतिषीय के अनुसार यह चंद्रग्रहण भारत में दिखने की वजह से भारत में सूतक काल ग्रहण के नौ घंटे पूर्व अर्थात 28 अक्टूबर को दोपहर 4 बजकर 6 मिनट से सूतक काल प्रारंभ हो जाएगा। जो चंद्रहग्रण के मोक्षकाल अर्थात 29 अक्टूबर की रात्रि 2 बजकर 22 मिनट तक समाप्त होगा। ग्रहणकाल में धार्मिक क्रिया-कर्म पठन-पाठ का महत्व है।
इनमें सूतक मान्य नहीं होगाज्योतिषी रवि जैन के अनुसार इस साल का प्रथम सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को सुबह 7.4 से शुरू होकर 12.29 मिनट तक लगेगा, लेकिन भारत में नहीं दिखेगा। इसलिए इसका कोई महत्व नहीं होगा और नहीं सूतक लगेगा। सूर्यग्रहण के ठीक पंद्रह दिन बाद 5 मई 2023 को उप छाया चंद्रग्रहण रात्रि 8 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर रात 1 बजे तक रहेगा। चुंकि उप छाया चंद्रग्रहण की वजह से सूतक काल मान्य नहीं होगा। 14 अक्टूबर 2023 को होगा। यह सूर्यग्रहण भी भारत में अदृश्य होने से ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं रहेगा।