रतलाम. पश्चिम रेलवे में रतलाम मंडल का नाम सबसे बड़ा है, क्योंकि रतलाम जंक्शन होने से यहां डीआरएम कार्यालय स्थित है और देश के किसी भी कौने में जाने के लिए रतलाम जंक्शन से ट्रेन की सुविधा उपलब्ध है। रतलाम का नाम देश के कौने-कौने तक पहुंचाने वाले रेलवे मंडल का अपने कर्मचारियों की ओर कोई ध्यान नहीं है। रेलवे के बड़े अधिकारियों के बंगलों की सफाई के लिए तो कई कर्मचारी रख रखे है, मगर छोटे कर्मचारियों के क्वार्टरों के पीछे और नालियों की नियमित सफाई नहीं हो रही है। हालात यह ैहै कि गंदगी और कचरे के ढेर जहां-तहां पड़े हैं और नालियां चाक है।
घरों के पीछे गंदगी का अंबार
रेलवे कालोनी में कई क्षेत्रों में हालात इस तरह बदत्तर है कि कचरों के ढेर को देखकर लगता है कि सालों से इन क्षेत्रों की सफाई ही नहीं हुई है। रेलवे खेल मैदान के पास स्थित रेलवे क्वार्टरों और बकरा पुल जाने वाले मार्ग पर बने क्वार्टरों के पीछे कचरों का ढेर लगा हुआ नालियां भले ही बड़ी-बड़ी बनी है मगर नियमित सफाई नहीं होने से गंदगी से पटी हुई है।
कर्मचारियों का कहना नहीं हुई सुनवाई
रेल कर्मचारियों के परिजनों ने नाम नहीं बताने पर कहा कि उनके द्वारा सफाई के लिए कई बार शिकायत की गई है मगर नियमित सफाई नहीं हो रही है। सर्विस क्वार्टरों के पीछे कचरा उठाने कोई आता ही नहीं है। हालात यै हे कि कचरा नाली में जाने से नालियां भी चाक हो गई है। मच्छरों के कारण बीमारियां फैलने का अंदेशा बना रहता है।