झाबुआ

झाबुआ में शिशु संस्कार बोध अंतर्गत परीक्षा हुई आयोजित

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झाबुआ – महातपस्वी , महायशस्वी , शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी का सबसे महत्व क्रम है ज्ञानशाला । जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों में संस्कारों का निर्माण । इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए समाज में विभिन्न प्रशिक्षीकों को प्रशिक्षण पश्चात 5 से 15 वर्ष के बच्चों को धर्म रूपी ज्ञान प्रदान करना होता है और तत्पश्चात परीक्षाओं का आयोजन ज्ञानशाला प्रकोष्ठ के नियमानुसार होती है इसी कड़ी में झाबुआ में भी साप्ताहिक रूप से रविवार को ज्ञानशाला का संचालन प्रशिक्षिका हंसा गादीया और दीपा गादीया द्वारा किया जा रहा है । परीक्षा की कड़ी में झाबुआ में ज्ञानशाला के बच्चों ने शिशु संस्कार बोध भाग 1 से 5 तक की परीक्षा तेरापंथ सभा भवन में 8 जनवरी रविवार को सानंद संपन्न हुई । परीक्षा का समय दोपहर 2 बजे से 4:00 तक का था सर्वप्रथम नमस्कार मंत्र के उच्चारण के साथ परीक्षा प्रारंभ हुई । शिशु संस्कार बोध परीक्षाओं के पेपर ज्ञानशाला प्रकोष्ठ अहमदाबाद द्वारा सभी क्षेत्रों में प्रेषित किए जाते हैं झाबुआ में भी इस परीक्षा के पेपर अहमदाबाद से सीलबंद लिफाफा में प्राप्त हुए । इन फिल्मों को लिफाफे को खोलने हेतु सीलबंद लिफाफा परीक्षा के पेपर को खोलने हेतु तेरापंथ समाज के मंत्री दीपक चौधरी द्वारा खोले गए । शिशु संस्कार बोध के विभिन्न भागो की परीक्षा प्रशिक्षिका दीपा गादीया, हंसा गादीया, कल्याणपुरा से मोना जैन द्वारा ली गई । इस परीक्षा में प्रशिक्षिकाओ द्वारा एक-एक करके बच्चों से मौखिक प्रश्न पूछे गए , जो ज्ञानशाला प्रकोष्ठ अहमदाबाद से प्राप्त हुए थे । बच्चों द्वारा प्रश्नों के लयबद्ध व सारगर्भित उत्तर दिया गए । प्रशिक्षिकाए द्वारा उत्तर के आधार पर नंबरों का आकलन किया गया । इन नंबरों के आधार पर प्रशिक्षिकाए अंकसूची बनाकर ज्ञानशाला प्रकोष्ठ अहमदाबाद को भेजेगी । वहां से वेरीफाई होने के बाद बच्चों को यह अधिकृत अंक सूची वितरित की जाएगी । इस परीक्षा में 5 से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों ने भाग लिया । झाबुआ प्रशिक्षिकाओं द्वारा इस वर्ष का श्रेष्ठ ज्ञानार्थी कल्प कोठारी को घोषित किया गया ।

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