मंगल कलश सजाकर निकली यह भारत की नारियां हैं….हम बदेलेंगे युग बदलेगा – धर्ममय हुआ रतलाम, निकली कलश यात्रा – 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ कार्यक्रम की हुई शुरूआत
मंगल कलश सजाकर निकली यह भारत की नारियां हैं….हम बदेलेंगे युग बदलेगा – धर्ममय हुआ रतलाम, निकली कलश यात्रा – 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ कार्यक्रम की हुई शुरूआत
रतलाम। आगे-आगे अश्व पर सवार ध्वज धामे गायत्री परिवार सदस्य तो इनके पीछे डीजे पर बजते मधुर भजन, इनके पीछे गायत्री परिवार के छोटे-छोटे युवा की टोली गायत्री मंत्र का उद्घोष करते हुए आमजन को अपनी और आकर्षित कर रहे थे तो ठीक इनके पीछे बग्गी में गायत्री परिवार सदस्य पूज्य गुरुदेव का सद् ग्रंध अपने सिर पर रख सवार थे। ठीक इनके पीछे उज्जैन से आए गणेश बैंड पर बज रहे गायत्री मंत्र के साथ-साथ गीत मंगल कलश सजाकर निकली यह भारत की नारियां है…..भजनों के साथ एक ही वेषभूषा में मातृ शक्तियां अपने सिर पर कलश रख पैदल चल रही थी। साथ में मां लक्ष्मी, सरस्वती व गायत्री माता का रूप धारण कर तीन देवियों के रूप में बग्गी में बालिकाएं सवार थी।
अवसर था शहर में अखिल विश्व गायत्री परिवार शांति कुंज हरिद्वार के तत्वावधान में आयोजित 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ व प्रज्ञा पुराण कथा, तुलसी विवाह आयोजन के पूर्व गुरुवार को शहर में निकली कलश यात्रा का। मां कालिका माता मंदिर परिसर से कलश यात्रा का प्रारंभ हुई। शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे पं. श्री जितेंद्र मिश्रा ने कलश की पूजा-अर्चना कर कलश यात्रा को रवाना किया। मुख्य कलश संगीता प्रकाश प्रभु राठौड़ के साथ बड़ी संख्या में गायत्री परिवार की सदस्याएं, महिलाओं से लेकर युवतियां पीले व लाल वेषभूषा में सिर पर कलश रख चल रही थी। गायत्री परिवार की महिला सदस्याएं हम बदलेंगे युग बदलेगा, विश्व मंगल की कामना के साथ गायत्री मंत्र का उद्घोष करते हुए चल रही थी। गायत्री परिवार के युवा प्रकोष्ठ के विवेक चौधरी, विकास शैवाल आदि कलश यात्रा की कमान संभाले हुए चल रहे थे। कलश यात्रा में पुरुष भी गुरुदेव का सद् ग्रंध सिर पर रख कर चल रहे थे। कलश यात्रा का 50 से अधिक शहर के सामाजिक संगठनों सहित अनेक संगठनों में जगह-जगह मंच लगाकर स्वागत किया। कलश यात्रा में गायत्री परिवार रतलाम के नगर के प्रमुख ट्रस्टी पातीराम शर्मा व मुख्य यजमान जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश प्रभु राठौड़ का साफा व हार पहनाकर अनेक जगह स्वागत किया। कलश यात्रा में पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा, समाजसेवी अनिल झालानी, गोविंद काकानी, सनातन सोशल ग्रुप के संयोजक मुन्नालाल शर्मा, अध्यक्ष अनिल पुरोहित, प्रदीप उपाध्याय, पवन सोमानी, जनक नागल, गोपाल शर्मा, जगदीश पहलवान, अरुण राव, दिलीप गांधी सहित बड़ी संख्या में धर्मालूजन शामिल हुए।
तीन घंटे शहर में चली कलश यात्रा
कलश यात्रा दोपहर 2 बजे शुरू हुई जो कि करीब दोपहर 4.30 बजे से राजीव गांधी सिविक सेंटर काशी विश्वनाथ मंदिर के पास बनाए गए महायज्ञ स्थल पर मातृशक्तियों का आना शुरू हुआ जो कि शाम 5 बजे तक आने का सिलसिला जारी रहा। सभी माताओं एवं बहनों के आने के बाद हरिद्वार शांति कुंज से पधारे टोली नायक जितेंद्र मिश्रा, सहायक बसंतीलाल सोलंकी, युग गायक प्रेमनाथ ध्रुव, युग वादक श्रवण कुमार, सारथी विवेकसिंह ने देव कलश लेकर आए है बड़े भाग्य हमारे व गायत्री मंत्र के उच्चारण के साथ पूजा अर्चना कर समापन कराया। यहां पर बनाए गए देव मंच की व्यवस्था शिवपाल छप्री संभाले हुए थे। मंच पर पूज्य गुरुदेव, माताजी के साथ गायत्री माता की तस्वीर सहित दर्शनार्थ के लिए 108 पवित्र धार्मिक स्थल की रज (मिट्टी) एवं 108 पवित्र धार्मिक जगह की नदियों का पवित्र जल दर्शनार्थ के लिए रखे गए है।
आज से शुरू होगा गायत्री महायज्ञ
गायत्री महायज्ञ की शुरूआत 13 जनवरी से होगी। प्रात: 8 बजे देवपूजन कर गायत्री महायज्ञ की शुरूआत होगी। दोपहर 2 बजे प्रज्ञा पुराण कथा एवं शाम 5 बजे युवा सम्मेलन एवं युवा प्रतिभा सम्मान समारोह होगा। गायत्री परिवार जनमानस में सनातन संस्कार पद्धति के पुनर्जीवन के लिए निरंतर समर्पित भाव से प्रयासरत है। इसी क्रम में 15 जनवरी तक होने वाले गायत्री महायज्ञ व प्रज्ञा पुराण कथा, तुलसी विवाह के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष पुंसवन संस्कार के साथ शिशुओं के लिए नामकरण, अन्नप्राशन, मुण्डन, विद्यारम्भ तथा यज्ञोपवित (जनेऊ) संस्कार तथा गुरु दीक्षा, जन्म दिवस, विवाह दिवस आदि संस्कार प्रतिदिन प्रात: यज्ञ के समय नि:शुल्क संपन्न करवाएं जाएंगे।