रतलाम। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में बनाए गए तालाब के घटिया निर्माण का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। करीब 27 लाख की लागत से निर्मित तालाब को 35000 घन मीटर पानी की क्षमता हिसाब से बनाया था और दावा था कि इसमें लगभग पानी रुकेगा, लेकिन यह जनवरी में ही सूखा गया। निर्माण में खराब मटेरियल का उपयोग करने के कारण तालाब की पाल जर्जर हो चुकी है ।
सरपंच ने वरिष्ठ अधिकारियों को बताया
ग्रामीणों ने बताया कि इस तालाब के पास नीचे की ओर अन्य तालाब बनाया गया था, लेकिन घटिया निर्माण में से पानी नहीं है तो किसान इस तालाब के भरोसे आस लगाए बैठे थे कि तालाब के पानी से हमारी फसल अच्छी होगी, किसान ने लहसुन की फसल भी लगाई, लेकिन वह भी बेकार हो गई जिसके कारण उन्हें बड़ा नुकसान हो रहा है। हतनारा किसान नितिन पाटीदार ने बताया कि पहले हमने शिकायत की तो जिम्मेदार कहते हैं रहे कि अभी निर्माण कार्य बाकी है, इसके बाद कोई सुध नहीं ली। सरपंच ललिता पटवा ने कहा है कि तालाब का निर्माण जिस उद्देश्य से वाटर सेट का निर्माण पूरा नहीं हो पा रहा है, घटिया निर्माण की जांच के लिए वशिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराएंगे, तालाब में पानी संग्रहित होने से ग्रामीणों को लाभ होगा।
ग्रामीणों के साथ छलावामौके पर इंजीनियर जितेंद्र पटेल से उप सरपंच अनोखीलाल राठौर ने इंजीनियर से चर्चा की इतनी राशि मिलने के बाद लोगों को स्टॉप डेम का कोई लाभ नहीं इंजीनियर का कहना है जो पाल बनी है, उसको रिपेयरिंग करवा देंगे ऐसे में देखा जाए तो ग्रामीणों के साथ छलावा किया जा रहा है। ब्लॉक कॉर्डिनेटर अभिषेक राठौर ने बताया कि पाल की हाइट बहुत कम है। हाइट बढ़ाना पड़ेगी ऐसे में देखा जाता है कि यह राशि ऐसे ही वेस्ट हो जाएगी।
इनका कहना हैहतनारा का मामला मेरे संज्ञान में आया है, मैने इंजीनियर आरआई को भेजा था, अभी फिलहाल मेरी उनसे चर्चा नहीं हुई है, जैसे ही बात होती है जल्द ही वहां का दौरा कर वहां की जानकारी ली जाएगी।