झाबुआ

तत्कालीन सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य द्वारा सामग्री खरीदी में वित्तीय आदेश के उल्लंघन के साथ ही लाखों के फर्जीवाड़े का आरोप

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झाबुआ से मनोज अरोरा की रिपोर्ट…..

झाबुआ- प्रदेश के मामा द्वारा प्रदेश के भांजे भांजे के लिए लाखों करोड़ों की राशि का आबंटन विद्यार्थियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सामग्री क्रय करने के लिए दिया जाता है लेकिन जिले में बैठे अधिकारी इस राशि का उपयोग पूर्ण रूप से विद्यार्थियों की सुविधाओं के लिए न करते हुए फर्म विशेष को आर्थिक लाभ पहुंचाकर खुद की जेबें गर्म करने में लगे रहते हैं । कुछ ऐसा ही वर्ष 2019-20 में जिले की कन्या शिक्षा परिसर पेटलावद में सामग्री खरीदी में तत्कालीन प्रभारी सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य द्वारा दो फर्मो को आर्थिक लाभ पहुंचाने का आरोप भोपाल निवासी आदर्श श्रीवास्तव ने लगाया तथा लोकायुक्त भोपाल और आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा EOW में शिकायत दर्ज कर जांच की मांग भी की है ।

सूचना के अधिकार अधिनियम अंतर्गत आवेदक आदर्श श्रीवास्तव द्वारा जानकारी प्राप्त करने पर बताया कि तत्कालीन प्रभारी सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य ने वर्ष 2019-20 में आदिवासी विकास जनजाति विभाग झाबुआ अंतर्गत कन्या शिक्षा परिसर में सामग्री खरीदी को लेकर लाखों के फर्जीवाड़ा का आरोप लगाया । आवेदक ने बताया कि आरटीआई से प्राप्त जानकारी अनुसार तत्कालीन प्रभारी सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य ने कन्या शिक्षा परिसर पेटलावद में सामग्री खरीदी हेतु कार्यालय आयुक्त आदिवासी विकास मध्यप्रदेश के आदेश क्रमांक /शिक्षा/ वि.आ संस्था/ 0762/ 2019/10795 ..दिनांक 4 मई 2019 का वित्तीय आदेश का सीधा सीधा उल्लंघन किया है ।. इस आदेश के तहत बिंदु क्रमांक 7 व 8 में स्पष्ट लिखा है कि समस्त राशि एसएमडीसी के खाते में डाली जावे । प्रदत बजट आबंटन अव्यतीत न हो , उसका पूर्ण ध्यान रखा जावे । लेकिन तत्कालीन प्रभारी सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य द्वारा प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी (मध्यप्रदेश शासन ) के आदेश का उल्लंघन कर संपूर्ण राशि एसएमडीसी के खाते में ना डालते हुए , पीटीए के खाते में डाल कर गलत तरीके से बिना सामग्री मंगवाए केवल मात्र भी बिल लेकर लाखों का भुगतान करने का आरोप आवेदक ने लगाया है । आवेदक ने यह भी आरोप लगाया कि इस राशि एसएमडीसी के खाते में ना डालकर , पीटीए के खाते में राशि डालकर कन्या शिक्षा परिसर पेटलावद के छात्रावास की अधीक्षिका से हस्ताक्षर कर तथा प्राचार्य की मोहर लगाकर फर्जीवाड़ा करते हुए जूही एंटरप्राइजेज भोपाल व कृष्णा प्रकाशन उज्जैन को सामग्री खरीदी का आर्डर दिया गया । सबसे बड़ी बात उक्त आदेश में ना तो आवक जावक क्रमांक है ना दिनांक अंकित है और ना ही प्राचार्य कन्या परिसर पेटलावद के हस्ताक्षर हैं । दूसरी बड़ी सबसे गौर करने वाली बात कि कन्या शिक्षा परिसर पेटलावद की स्टाक पंजी अनुसार सामग्री प्राप्त ही नहीं हुई है वहीं उक्त बिलों का भुगतान तो बैंक स्टेटमेंट में नजर आ रहा है ।

जूही एंटरप्राइजेज भोपाल द्वारा कन्या शिक्षा परिसर पेटलावद मे प्रयोगशाला सामग्री प्रदाय अंतर्गत केमिस्ट्री लैब कीट 49 आइटम, फिजिक्स लैब कीट 32 आइटम व बायोलॉजी लैब किट हेतु 16 आइटम की दरें कोटेशन पर दी । जूही एंटरप्राइजेज द्वारा 27 अगस्त 2019 को करीब 97 आइटम का बिल करीब 50147 भुगतान हेतु प्रेषित किया । वही कृष्णा प्रकाशन उज्जैन द्वारा 34 पुस्तको की राशि का बिल ₹49,974 दिनांक 27 अगस्त 2019 को प्रेषित किया । आवेदक आदर्श श्रीवास्तव ने आरोप लगाते हुए बताया कि इस समस्त सामग्री की इंट्री कन्या शिक्षा परिसर पेटलावद के स्टाक रजिस्टर वर्ष 2019-20 में नहीं है जो यह दर्शाता है कि सामग्री प्राप्त नहीं हुई और बिलों का भुगतान हुआ है ।

आवेदक ने तत्कालीन प्रभारी सहायक आयुक्त पर दबाव बनाकर लाखों के फर्जीवाड़ा का आरोप लगाया है । आवेदक आदर्श श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि यह तो एक कन्या शिक्षा परिसर पेटलावद की ही जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम में प्राप्त हुई है यदि झाबुआ जिले की सभी कन्या शिक्षा परिसर की जानकारी प्राप्त हो तो एक बड़े घोटाले का खुलासा होने की संभावना है । आदर्श श्रीवास्तव ने घोटाले या फर्जीवाड़े की शिकायत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली , आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्री सुश्री मीना सिंह , आयुक्त मध्य प्रदेश स्पेशल एंड रेजिडेंशियल एकेडमिक सोसायटी भोपाल, सचिव मध्य प्रदेश स्पेशल एंड रेजिडेंशियल अकैडमी सोसायटी भोपाल, संयुक्त सचिव भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली, प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन आदिम जाति जनजाति कल्याण विभाग, आयुक्त इंदौर संभाग ,सीबीआई भोपाल, सीबीआई नई दिल्ली , आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा EOW से जांच की मांग की है ।

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