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साल की पहली मौनी-शनिश्चरी अमावस्या आज,

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साल की पहली मौनी-शनिश्चरी अमावस्या आज,

रतलाम। शनिग्रह के स्वामी शनिदेव को प्रसन्न करने व बिगड़े काम सुधारने के लिए इस साल की पहले शनिश्चरी अमावस्या एवं माघमाह की माघी या मौनी अमावस्या का संयोग एक साथ बन रहा है। इस दिन नागरिक मौन रहकर इष्टदेव की आराधना करने के साथ ही शनिदेव की कृपा पाने के लिए साधारण से उपाय करके शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए 21 जनवरी को शनिश्चरी अमावस्या आ रही है। इसदिन चुके तो 14 अक्टूबर तक का इंतजार करना होगा।

14 अक्टूबर 2023 तक पड़ेगा इंतजार
ज्योतिषी रवि जैन के अनुसार साल की पहली शनिश्चरी अमावस्या 21 जनवरी को रहेगी, बाद 14 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या भी रहेगी। जिसमें नागरिक अपने पितृं की श्राद्ध तर्पण करने के साथ ही शनिदेव का पूजन कर आशीष प्राप्त कर पाएंगे। ज्योतिषी जैन ने बताया कि 17 जनवरी 2023 से शनि कुंभ राशि में प्रवेश किया है। शनि के राशि परिवर्तन से मकर, कुंभ, मीन राशि वाले नागरिकों पर शनि की साढेसाती एवं कर्क तथा वृश्चिक राशि वाले नागरिको पर शनि की ढाई साल के लिए लधुशनि की ढैया शुरू हो गई है।

दान पुण्य, प्रभु आराधना का महत्व
शनिश्चरी एवं मौनी अमावस्या एक साथ होने से अमावस्या पर किए जाने वाले दान पुण्य, प्रभु आराधना का फल साधारण दिनों की तुलना में ज्यादा मिलता है। अमावस्या के दिन गंगाजल जल में डालकर स्नानदि के बाद घर या मंदिर में पश्चिम दिशा की ओर मुंह कर काले आसन या काले ऊन के आसन पर बैठकर सरसो या तिली के तेल से दीपक जलाकर तेलाभिषेक करके शनिदेव की पूजा अभिषेक कर सकते है।
ऐसे भी कर सकते है शनि को प्रसन्न
– शनि का बीज मंत्र ऊँ ऐं ह्मीं श्री शनैश्चराय का जाप।
– शनि के गुरु शिव की उपासना ऊँ नम: शिवाय के मंत्र से रोज ग्यारह माला करना।
– हनुमान चालिसा का पाठ कर कर चमेली का तेल व सिन्दूर हनुमानजी को चढ़ाना।
– शनिवार को पीपल के वृक्ष में मीठा जल चढ़ाकर सात बार परिक्रमा करना।

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