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पदाधिकारियों को 11 दिन बाद भी नहीं मिला चार्ज:एक वेलफेयर इंस्पेक्टर छुट्टी पर दूसरे के पास सिर्फ रजिस्टर ही

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पदाधिकारियों को 11 दिन बाद भी नहीं मिला चार्ज:एक वेलफेयर इंस्पेक्टर छुट्टी पर दूसरे के पास सिर्फ रजिस्टर ही

रतलाम~~चुनाव में निर्वाचित होने के 11 दिन बाद भी सीनियर और जूनियर रेलवे इंस्टीट्यूट के पदाधिकारियों को चार्ज नहीं मिल पाया है। पहले के पदाधिकारियों का कार्यकाल खत्म होने के बाद रेलवे ने वेलफेयर इंस्पेक्टर (डब्ल्यूएलआई) प्रशांत पांडे को सीनियर रेलवे इंस्टीट्यूट (एसआरआई) और कमल कणिक को जूनियर रेलवे इंस्टीट्यूट (जेआरआई) का प्रभार सौंपा था। इनमें से पांडे छुट्टी पर चल रहे हैं, तो कणिक के पास एक रजिस्टर के अलावा बाकी कोई दस्तावेज नहीं हैं।

ऐसे में रेलकर्मियों द्वारा चुने गए सचिव और कोषाध्यक्ष अब इंस्टीट्यूट का विधिवत चार्ज लेने के लिए कार्मिक विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। उधर वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ ने राजकुमार द्रविड़ को बर्खास्त कर दिया है। राजकुमार ने इंस्टीट्यूट चुनाव में न केवल मजदूर संघ विरोधी कार्य किया, बल्कि सीनियर इंस्टीट्यूट से कोषाध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय खड़े हो गए थे, जिसका संघ को नुकसान उठाना पड़ा।

बता दें कि 13 जनवरी को हुई निर्वाचन की प्रक्रिया में एसआरआई के सचिव वेस्टर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन समर्थित अशोक तिवारी निर्वाचित हुए थे। तिवारी ने मजदूर संघ के गौरव दुबे को हराया था। वहीं कोषाध्यक्ष यूनियन के कपिल गुर्जर बने थे, उन्होंने मजदूर संघ के अशोक टंडन को हराया था। जेआरआई के सचिव मजदूर संघ के अरविंद शर्मा चुने गए थे, उन्होंने एम्पलाइज यूनियन के दिनेश छपरी को हराया था।

संचालन समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू, मजदूर संघ में भारी उधल-पुथल
रेलवे ने इंस्टीट्यूट के संचालन समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एसआरआई की संचालन समिति के लिए मजदूर संघ की तरफ से गौरव दुबे का नाम दिया गया। इसी प्रकार एम्पलाइज यूनियन ने भी दो नाम भेज दिए हैं। उधर चुनाव में करारी हार झेलने वाले मजदूर संघ में भारी उथल-पुथल मची हुई है। राजकुमार को बर्खास्त करने के बाद अब कुछ अन्य पदाधिकारियों पर भी एक्शन लिया जा सकता है। इतना ही नहीं चुनाव के पहले पूर्व सेक्रेटरी वापी चौधरी द्वारा गिफ्ट बांटने में की गई अनियमितता की शिकायत भी सदस्यों ने संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों को की है।

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