झाबुआ

एसपी साहब – गुंडा तत्वों द्वारा जुआ और सट्टे का संचालन कर , युवा पीढ़ी के जीवन से किया जा रहा है खिलवाड़…… पुलिस जान कर भी अंजान…..

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झाबुआ से मनोज अरोरा व पीयूष गादीया की रिपोर्ट

झाबुआ – शहर सहित पूरे जिले में जुआ और सट्टे का संचालन करने वाले गुंडा तत्वों द्वारा शहर सहित जिले की फिजा को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है इन तत्वों द्वारा खुले रुप में सट्टे का संचालन कर युवा पीढ़ी के साथ-साथ आदिवासी लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है जिससे यह अपने पथ से भटक कर इस लत में पढ़कर अपने जीवन को बर्बाद कर रहे हैं । पुलिस विभाग द्वारा इन सट्टा किंगो की जानकारी होने के बाद भी किसी भी तरह से कोई कार्यवाही ना होना यह समझ से परे है क्या प्रशासन इस ओर ध्यान देगा…..?

जानकारी अनुसार झाबुआ शहर सहित संपूर्ण जिले में जुआ और सट्टे का कारोबार जोर शोर से और धड़ल्ले से संचालित किया जा रहा है शहर व गांव गांव में गुंडा तत्वों द्वारा जुआ और सट्टे का संचालन कर आदिवासी समाज जनों के साथ-साथ युवाओं के जीवन को भी बर्बाद कर रहे हैं । जुआ व सट्टे की लत में पढ़कर आदिवासी समाज के युवा पढ़ाई छोड़ कर , इन बुराइयों में लगे हुए हैं ।वही पुलिस कारवाई के अभाव में जुआरी और सटोरिये पड़ोसी राज्य गुजरात और राजस्थान से आकर जिले में आकर जुआ व सट्टे का संचालन कर जनजाति लोगों के जीवन को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं । झाबुआ शहर में ही तेलीवाड़ा , राजगढ़ नाका , मारुति नगर , हुडा क्षेत्र ,बस स्टैंड क्षेत्र , जेल के पीछे, मेघनगर नाका, बाडकुआ, बस राजवाड़ा क्षेत्र, मोजीपाडा आदि अन्य छोटे-छोटे स्थानों पर भी यह सटोरिये सट्टा लेते हुए आपको नजर आएंगे । इसके अलावा यह सटोरीये झाबुआ जिले के राणापुर, मेघनगर, कल्याणपूरा, थांदला ,पेटलावद, पारा आदि अनेक क्षेत्रों में सट्टे का संचालन कर बुराइयों को बढ़ावा दे रहे हैं । इसके अलावा शहर से सटे गड़वाड़ा ,गोपालपुरा , करडावदबड़ी , चारोलीपाड़ा , मोहनपूरा, देवझिरी आदि अनेक स्थानों पर भी अन्य राज्यों से आकर सट्टा संचालित कर रहे हैं । इसके अलावा शहर के उतकृष्ट मैदान पर वीपीएल जारी है इसको लेकर भी कई सटोरिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं । यह स्टोरीये युवा पीढ़ी को रोजाना लालच देकर 1 का 4 का गणित समझा कर इनसे सट्टे की लत लगा रहे हैं कई बार यह युवा सट्टे की लत पड़ने पर और रुपए ना होने पर पथ भटक जाते हैं कई बार युवा इस सट्टे की लत लग जाने के बाद, राशि नहीं होने पर उधारी मांग कर सट्टा खेलते हैं या फिर कई बार चोरी या अन्य किसी साधन से रुपए कमाने की सोचने लगते हैं । सट्टे की लत से कई बार व्यक्ति लगातार हारने पर. आर्थिक रूप से कमजोर होने पर कई बार डिप्रेशन में चला जाता है । हां यह जरूर है कि इन सटोरियों द्वारा मोबाइल के माध्यम से इस पूरे सट्टे को संचालित किया जाता है लेकिन क्या पुलिस के खुफिया तंत्र कितने कमजोर हैं कि इसकी जानकारी भी नहीं जुटा पा रहे हैं । हा यह जरूर हैं कि पुलिस भी छोटे-छोटे सटोरियों पर कार्रवाई कर कागजी खानापूर्ति कर इतिश्री करती है जबकि इन सभी छोटे-छोटे सटोरियों को सट्टा किंगो द्धारा संरक्षण दिया जाता है लेकिन पुलिस उन पर कोई कार्रवाई नहीं करती है । विगत दिनों ही जय आदिवासी युवा शक्ति द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को सटोरियों की सक्रियता को लेकर ज्ञापन दिया गया था और कार्यवाही हेतु मांग की गई थी । इस आवेदन में संभवत कई सटोरिए के नाम उल्लिखित किए गए थे लेकिन क्या कारवाई हुई ,.यह जांच का विषय है । वहीं बड़े सट्टा किंगो पर अब तक कोई कारवाई देखने को नहीं मिली है वहीं पुलिस कप्तान द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार भ्रमण किया जा रहा और जन जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन जिला मुख्यालय पर ही सटोरियों की सक्रियता पुलिस के लिए एक प्रश्न चिन्ह हैं …। वही विगत दिनों कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत बीट प्रभारी की निष्क्रियता के कारण एक आम युवक अपना मानसिक संतुलन खो बैठा और गुमशुदा हुआ था जो बाद में घर लौट आया । लेकिन समय रहते पुलिस द्वारा कारवाई की जाती तो शायद यह स्थिति उत्पन्न ना होती । वही विगत दिनों ही एक अन्य पुलिस अधिकारी द्वारा यातायात सप्ताह के अंतिम दिन पुलिस कप्तान के मौखिक आदेशों का पालन भी आज दिनांक तक नहीं हो पाया ….यह भी चिंतनीय है….। कहीं न कहीं जिले में पुलिस कप्तान की कसावट नहीं होने से भी थाना क्षेत्र और चौकी क्षेत्रों में कर्मचारी मनमानी कर रहे है । जिसको लेकर कप्तान को चिंतन करना होगा …। आज जिले के किसी भी थाना और चौकी क्षेत्रों में यदि आप आवेदन देते हैं तो वह आवेदन जांच तक ही सीमित रहेगा….। यदि समय रहते जिले में सटोरियों पर लगातार कार्यवाही नहीं की गई तो यह सटोरिए शहरी क्षेत्र के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सक्रिय रूप से कार्य कर , युवा पीढ़ी को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे । क्या पुलिस प्रशासन इस ओर ध्यान देगा और कोई कार्रवाई करेगा….. या फिर यह सट्टे माफिया यूं ही अपना मकड़जाल बिछाते रहेंगे…….?

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