गांव की किसी युवती का कोई भी फोटो-वीडियो अपलोड करने पर दंड का प्रविधान। समाज की व्यवस्था में सुधार लाने वाले कई अन्य फैसले भी।
आलीराजपुर। आदिवासी समाज की किसी परंपरागत ग्राम सभा में संभवतः पहली बार मोबाइल के दुरुपयोग पर चिंता सामने आई है। मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल आलीराजपुर जिले के सोंडवा विकासखंड के गांव रोशिया में ग्राम सभा ने निर्णय लिया है कि यदि किसी ने स्मार्ट फोन पर गांव की किसी भी युवती का फोटो-वीडियो बनाकर अपलोड किया तो यह दंडनीय होगा। यह कदम तब उठाया गया है जबकि यहां पर फोन के दुरुपयोग के मामले सामने आए हैं।
बता दें, आदिवासी अंचल में भी अब स्मार्टफोन का उपयोग बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए ग्राम सभा ने यह निर्णय लिया है। इसके अलावा भी ग्राम सभा में समाज की व्यवस्था में सुधार लाने वाले बदलाव संबंधी कई निर्णय लिए गए हैं। मसलन, शादियों सहित पारंपरिक आयोजन में विदेशी शराब और ध्वनि विस्तारक यंत्रों (डीजे) पर रोक लगाई है।
इसका उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रविधान किया गया है। ग्राम पटेल, सरपंच, तड़वी (अनुशासक), समाज के पुजारी आदि की मौजूदगी में ये सभी फैसले लिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि आलीराजपुर प्रदेश का सबसे कम साक्षर जिला (36 प्रतिशत) है।
गांव के सरपंच प्रतिनिधि उमेश पीडिया बताते हैं कि कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जब गलत ढंग से वीडियो इंटरनेट मीडिया पर अपलोड किए गए। इस कारण निर्णय लिया गया है कि अब कोई भी व्यक्ति फोटो-वीडियो अपलोड करता है तो 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
किसी भी सार्वजनिक समारोह अथवा विवाह के अवसर पर किसी एक व्यक्ति को ही वीडियो बनाने के लिए अधिकृत किया जाएगा। जिसे अनुमति होगी, वही वीडियो बना सकेगा। इसके अलावा विदेशी शराब, शीतलपेय और ध्वनि विस्तारक यंत्रों (डीजे) पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
बतौर रीति-रिवाज पारंपरिक महुआ शराब व ताड़ी का ही उपयोग होगा। पारंपरिक वाद्य यंत्र मांदल व ढोल आदि ही बजाए जा सकेंगे। अगर कोई भी उक्त नियमों का उल्लंघन करता है तो फिर ग्राम सभा उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ 20 हजार रुपये का दंड लगाया जाएगा।
अमीर हो या गरीब… शगुन के लिए राशि निर्धारित
रोशिया गांव में विवाह में बतौर शगुन राशि भी निर्धारित की गई है। यहां अधिकतम 15575 रुपये ही शगुन या उपहार के बतौर लिए जा सकते हैं। चाहे अमीर हो या गरीब, सभी के लिए यही नियम है। ग्राम पटेल करचान पीडिया बताते हैं कि इसके इतर अपनी इच्छा से कोई कुछ देना चाहता हो तो दे सकता है। सामाजिक तौर पर इससे अधिक राशि की मांग नहीं की जा सकती।