महापौर ने क्यों कहा ऐसा नहीं किया तो भारत बन जाएगा रेगिस्तान
रतलाम। धरती ही ऐसा ग्रह है, जहां जीवन है, जहां नदी, झरने, पहाड़, वन, अनेक जंतु प्रजातियां हैं और हम सब मनुष्य भी हैं। लेकिन हम सब की लापरवाही ने ना केवल दूसरी जीव प्रजातियों के लिए बल्कि खुद अपने लिए और संपूर्ण धरती के लिए संकट पैदा कर दिया है। उक्त विचार प्रहलाद पटेल ने नगर निगम सभागृह में विश्व आद्र्र भूमि दिवस पर आयोजित संगोष्ठी के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होने कहा कि हमारी धरती में आद्र्रता बनी रहे इसका विशेष ध्यान रखना होगा नही तो हम आने वाली पीढ़ी को रेगिस्तान मिलेगा।
निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि भूमि में आद्र्रता बनाये रखने हेतु हमें अपनी प्राचीन धरोहर कुएं, बावड़ी, तालाब आदि को सहेजना होगा तथा जलस्त्रोतों को बढ़ाना होगा। पर्यावरणविद् खुशालसिंह पुरोहित ने विश्व आद्र्र भूमि दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहां कि 100 करोड़ लोगो का जीवन नम भूमि पर निर्भर है, दलदली भूमि पर्यावरण के लिये किडऩी का काम करती है।रतलाम में अमृत सागर तालाब वेंटलैंड है इसके जीर्णोद्धार तो नगर निगम कर ही रही है हमें भी इसे सहेजने में अपना योगदान देना है। प्रोफेसर सुषमा कटारे ने इस अवसर पर वल्र्ड वेटलैंड दिवस की जानकारी से उपस्थितों को अवगत कराया तथा पर्यावरण को बचाने की नागरिकों से अपील की।
प्रारंभ में निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट व उपायुक्त विकास सोलंकी ने महापौर प्रहलाद पटेल, निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, मुख्य अतिथि एवं वक्ता डॉ0 खुशालसिंह पुरोहित, प्रोफेसर सुषमा कटारे, महापौर परिषद सदस्य दिलीप गांधी, रामू भाई डाबी, अनिता कटारा, पार्षद रणजीत टांक, धर्मेन्द्र रांका, वसीम अली, हीना मेहता, निशा सोमानी, प्रीति कसेरा, देवश्री पुरोहित आदि का स्वागत पुष्प गुच्छ से किया। आयोजित संगोष्ठीकार्यक्रम को जीरो वेस्ट ईवेन्ट मनाया गया जिसमें किसी प्रकार का सिंगल यूज प्लास्टिक, पॉलीथीन व डिस्पोजल का उपयोग नहीं किया गया। इस अवसर पर निगम अधिकारी सुरेशचन्द्र व्यास, मोहम्मद हनीफ शेख, श्याम सुन्दर सोनी, अनवर कुरेशी, राजेश पाटीदार सहित निगम कर्मचारी उपस्थित थे। संचालन शैलन्द्र गोठवाल ने किया व आभार उपायुक्त विकास सोलंकी ने माना।