रविवार को एक साथ खुले 101 जिला रोजगार सृजन केंद्र।
गांव की मांग गांव में ही पूरी करने के लक्ष्य को लेकर शुरू हुआ महा अभियान….. प्रकाश
युवा दिवस 2022 से शुरू हुए स्वावलंबी भारत अभियान मैं किए गए प्रयत्नों का परिणाम है कि देश भर में 350 से अधिक जिला रोजगार सर्जन केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है। करोना कल मैं भारत के ध्येय वाक्य वसुधेव कुटुंबकम को पूरी दुनिया के सामने प्रकट करके दिखाया। शोषण की जगह संरक्षण के साथ स्वावलंबन का व्यवहार अपनाने का जो अभियान शुरू हुआ वह अब महाअभियान बन चुका है यह बात लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री प्रकाश जी द्वारा स्वावलंबी भारत अभियान के अंतर्गत देशभर में डिजिटल माध्यम से एक साथ शुरू हुए 101 जिला रोजगार सर्जन केंद्रों के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए कहे।
उन्होंने कहा रोजगार सृजन केवल सरकार ही नहीं अपितु समाज की भी जिम्मेदारी है। रोजगार के इच्छुक युवा युवतियों को मंजिल तक ले जाने के लिए जिला रोजगार सृजन केंद्रों की स्थापना, प्रशिक्षण, उत्पादन, विपणन, विक्रय तथा स्वदेशी को आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण साधन है।
कार्यक्रम में देशभर से जुड़े हुए कार्यकर्ताओं एवं जिला रोजगार सृजन केंद्र संचालकों तथा संरक्षको को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल ने कहा अब तक 5 हजार से अधिक सफल उद्यमियों का सम्मान, 5 लाख से अधिक युवाओं के साथ संवाद और 350 से अधिक जिला रोजगार सर्जन केंद्रों का शुरू होना स्वावलंबी भारत की ओर बढ़ने की संकल्पना का प्रकृटीकरण है। जिस प्रकार समर्थ गुरु रामदास ने तात्कालिक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जगह जगह पर जो अखाड़े खड़े किए उन अखाड़ों में युवाओं के दमखम के परिणाम स्वरूप हिंदू साम्राज्य दिवस आज हम मना रहे हैं ऐसे ही भविष्य में भारत को स्वावलंबी बनाने के लिए यह रोजगार सृजन केंद्र अपनी बड़ी मिसाल कायम करेंगे।
स्वावलंबी भारत अभियान के समन्वयक डॉ भगवती प्रकाश शर्मा ने अपने उद्बोधन में युवाओं का आह्वान किया कि वे लंबे समय तक नौकरी के लिए समय खराब करने की जगह नौकरी देने वाला बनने के लिए आगे आए।
अपनी उद्यमशीलता प्रशिक्षण एवं उच्च विचारों के साथ समाज की प्रगति में हर हाथ कोकाम देने की ओर बढै। स्थानीय उत्पादनो को अधिक से अधिक उपयोग में लाने से हम अपने स्थान को और भारत को स्वावलंबी बना सकते हैं।
स्वावलंबी भारत अभियान के सह समन्वयक डॉ राजीव कुमार ने अभियान एवं जिला रोजगार सृजन केंद्रों की संकल्पना को बताते हुए कहा कि देशभर में युवाओं के लिए 18 से अधिक संगठन एवं सामाजिक कार्यकर्ता व सामाजिक संगठन मिलकर इस अभियान को चला रहे हैं। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य युवाओं को उद्यमिता, स्वरोजगार इंटरशिप से जोड़ना है जिसके आधार पर देश में 36 करोड़ से अधिक युवाओं को भारत की प्रगति का इंजन बनाया जा सकता है।
अभियान के सह समन्वयक जितेंद्र गुप्त द्वारा विचार रखते हुए कहा कि अपनी पूंजी अपना श्रम अपने संसाधन अपने उत्पादन और अपने उत्पादनो का ही उपयोग यह स्वावलंबी भारत के निर्माण हेतु अत्यंत आवश्यक तत्व है जिसे इस अभियान के अंतर्गत हर घर और हर भारतवासी तक पहुंचाने के लिए कार्य किया जा रहा है।
अभियान की सह समन्वयक अर्चना मीणा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए जानकारी दी कि 17 फरवरी तक देश भर के 400 से अधिक जिला केंद्रों पर जिला रोजगार सृजन केंद्र स्थापित कर दिए जाएंगे। 17 से 19 फरवरी को सभी जिला रोजगार सर्जन केंद्रों की कार्यशाला का आयोजन दिल्ली में कर युवाओं को एक नई दिशा बोध के साथ समाज परिवर्तन की ओर अग्रसर होने के लिए मार्ग तय किया जाएगा।
दिल्ली से आयोजित कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संगठक सतीश कुमार जी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की तथा अखिल भारतीय विचार विभाग प्रमुख डॉ राजकुमार मित्तल, सह व्यवस्था प्रमुख दीपक शर्मा प्रदीप,सह प्रचार प्रमुख डॉ धर्मेंद्र दुबे, स्वावलंबी भारत अभियान केंद्रीय कार्यालय प्रमुख पी के आचार्य, राष्ट्रीय रोजगार सृजन केंद्र प्रभारी रवि कवि भी उपस्थित रहे।