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इस मंडी में क्यों है हताश किसान, नहीं मिल रहे उपज के खरीदार

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इस मंडी में क्यों है हताश किसान, नहीं मिल रहे उपज के खरीदार

रतलाम। मध्यप्रदेश की कृषि उपज मंडी में किसानों को अपनी उपज के वाजीब दाम तो ठीक लाने ले जाने का भाड़ा भी नहीं मिल पा रहा है। हम बात कर रहे है रतलाम के सैलाना बस स्टैंड सब्जी मंडी की, जहां टमाटर के खरीदार नहीं मिल रहे हैं। कई किसान भाव नहीं मिलने के कारण पुन: उपज घर ले जाने को मजबूर है। हाल यह है कि मंडी में 20 से 50 रुपए कैरेट तक अच्छा टमाटर खरीदा जा रहा है, लाल टमाटर में खरीदार हाथ नहीं डाल रहे हैं। रतलाम से अन्य मंडियों के अलावा राजस्थान-गुजरात तक टमाटर पहुंचाया जा रहा है।

20 रुपए कैरेट टमाटर
सब्जी में टमाटर लेकर पहुंचे सारंगी के किसान मुकेश पाटीदार ने बताया कि 20 रुपए से लेकर 50 रुपए कैरेट के भाव बिक रहे हैं कुछ तो बिके भी नहीं है, मंडी में भाव नहीं मिलने से बहुत परेशानी खड़ी हो रही है। भाड़ा तक नहीं निकल पा रहा है। कई किसान आज भी अपनी उपज वापस ले गए। एक कैरेट में 25 किलो टमाटर आता है, अगर 20से 50 रुपए किलो तक टमाटर खरीदा जा रहा है, जिससे किसान को एक-दो रुपए किलो भी नहीं मिल रहा है।

किसानों का कहना
कुआझागर के दिलीप पाटीदार, भरत पाटीदार, दिनेश पाटीदार, करवड़ के गोपाल आंजना, विमल पाटीदार, कैलाश पाटीदार, मुकेश पाटीदार आदि ने बताया कि एक तरफ जहां सरकार आधुनिक खेती को बढ़ावा दे रही है, लेकिन दूसरी तरफ मंडी में भाव नहीं है। खेत से मंडी तक लाने के भाड़ा तक नहीं निकल पा रहे हैं, ऐसे में कैसे खेती लाभ का धंधा बनेगी। आज आमदनी अट्ठन्नी और खर्चा रुपया हो रहा है।

आगे भी खरीदार नहीं…
सैलाना से हर दिन टमाटर खरीदने आ रहे व्यापारी बद्रीलाल परिहार ने बताया कि 300-400 कैरेट टमाटर खरीदता हूं, लेकिन इन दिनों आगे भी भाव में मंदी बनी हुई है। इस कारण 20 से 50 रुपए किलो तक टमाटर खरीदा है। मैं राजस्थान के अलावा जावरा, आलोट, ताल, मंदसौर, सीतामऊ तक पहुंचा रहा हूं।

इनका कहना…
मंडी में इन दिनों 400-500 कट्टे मंडी में मटर पहुंच रही है तो टमाटर कम आ रहा है। कई किसान आसपास की मंडियों और राज्यों में भी टमाटर पहुंचा रहे हैं। भाव कम होने के कारण कई किसान उपज वापस भी ले जा रहे हैं। नये टमाटर की शुरुआत भी हो चुकी है।
राजेंद्रकुमार व्यास
मंडी प्रभारी, सैलाना बस स्टैंड सब्जी मंडी

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