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अमृत मिशन के पहले चरण में होगा काम:सीवरेज सिस्टम से जुड़ेंगी शहर की 18 और कॉलोनियां, सर्वे शुरू

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अमृत मिशन के पहले चरण में होगा काम:सीवरेज सिस्टम से जुड़ेंगी शहर की 18 और कॉलोनियां, सर्वे शुरू रतलाम—-शहर की 18 से ज्यादा और कॉलोनियां सीवरेज सिस्टम से जुड़ेंगी। अमृत मिशन के पहले चरण में बनाए गए सीवरेज सिस्टम में ये कॉलोनियां शामिल होने से रह गई थीं। अब अमृत मिशन पार्ट टू में नगर निगम ने नई सीवरेज लाइन बिछाकर बाकी बची हुई कॉलोनियों को भी सीवरेज लाइन से जोड़ने की तैयारी की है। लाइन डलने की शुरुआत होने में हालांकि समय लगेगा क्योंकि अभी तो कंसलटेंट कंपनी के इंजीनियरों ने सर्वे ही शुरू किया है।

मार्च तक सर्वे पूरा हो जाएगा। उसके बाद डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर राज्य स्तरीय तकनीक समिति में स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने पर टेंडर प्रोसेस होकर काम धरातल पर उतरेगा। निगम अधिकारियों को उम्मीद है कि अगस्त-सितंबर तक दूसरे चरण की सीवरेज लाइन डलने लगेगी।

फिलहाल हालत यह है कि पहले चरण के ही 11500 मकानों के बेक लाइन से कनेक्शन होना बाकी हैं। इसमें गलियों की नालियों से पाइप लाइन डालकर मुख्य सीवरेज लाइन से जोड़ रहे हैं। इसके बाद नालियों को बंद किया जा रहा है। कुल 16170 मकानों के बेक लाइन कनेक्शन करना है। ढाई माह में अब तक सिर्फ 4670 कनेक्शन हो पाए हैं क्योंकि ठेकेदार कंपनी बहुत धीमा काम कर रही है।

अब 31 मार्च तक बढ़ाई डेड लाइन

ठेकेदार कंपनी जयवरूड़ी कंस्ट्रक्शन को पहले चरण के सीवरेज सिस्टम का काम पूरा करने के लिए 31 दिसंबर 2022 की डेड लाइन दी गई थी, जो कब की खत्म हो चुकी है। अब नगर निगम ने डेड लाइन 31 मार्च तक बढ़ा दी है।

आयुक्त हिमांशु भट्ट ने बताया सीवरेज लाइन विहीन इलाकों को भी सिस्टम में जोड़ा जाएगा। इसके लिए सर्वे चल रहा है। यह काम अमृत मिशन पार्ट टू में होगा। 128 नहीं अब 150 करोड़ रुपए हो जाएगी लागत

सीवरेज सिस्टम के अधूरे काम को पूरा करने अब 5 करोड़ रुपए ज्यादा खर्च होंगे। जून 2016 में जब प्रोजेक्ट शुरू हुआ था तब लागत करीब 128 करोड़ रुपए आंकी गई थी। इसके पहले एस्टीमेट रिवाइज होने से योजना की लागत 136 करोड़ हो गई थी।

नए काम की स्वीकृति के बाद अब यह बढ़कर 141 करोड़ रुपए पहुंच गई। इस तरह 6 साल में प्रोजेक्ट कास्ट में लगभग 13 करोड़ का इजाफा हो चुका है। इसमें बेक लाइन के कनेक्शन करने की लागत 9 करोड़ और जोड़ दो तो खर्च 150 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।

अब तक सीवरेज सिस्टम का काम
287 किमी सीवरेज लाइन डल चुकी है।
44000 में से 27103 मकानों के फ्रंट लाइन से कनेक्शन हो चुके, बैक लेन के बाकी हैं।
5026 सर्कुलर मैन होल बनना था, अब तक 6000 से ज्यादा बन चुके।
10600 के विरुद्ध 11200 से ज्यादा हाउस सर्विस चैंबर बन गए।
रोजाना 7.5 एमएलडी गंदा पानी करमदी और खेतलपुर सीवरेज ट्रीट प्लांट (एसटीपी) में साफ हो रहा।

ये इलाके जुड़ेंगे सीवरेज सिस्टम से
अंबिका नगर झुग्गी बस्ती, तिरूपति नगर, त्रिमूर्ति नगर, गंगासागर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, अंबिका नगर के पीछे वाली कॉलोनी, भवानी नगर, रत्नपुरी, करमदी रोड की तीन कॉलोनियां व अन्य।

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