झाबुआ – शहर में व जिले में जुए और सट्टे का अवैध कारोबार के कारण और इनमें लिफ्त अवैध धंधेबाजों की सक्रियता से युवा पीढ़ी इस अवैध दलदल में फंसती जा रही है । जुए और सट्टे को लेकर लगातार शिकायत मिलने के बाद भी पुलिस कागजी खानापूर्ति मे व्यस्त है और छोटे-छोटे सटोरियों पर कारवाई कर इतिश्री कर रही है जबकि अब भी अवैध जुआरियो और सटोरियों के सरगना पुलिस पकड़ से कोसों दूर हैं । वही विगत दिनों ही जयस संगठन ने भी जुएं और सट्टे के बढ़ते अवैध कारोबार को लेकर पुलिस अधीक्षक के नाम एक ज्ञापन दिया था और उसमें कुछ नामजद सटोरियों को लेकर कारवाई की मांग भी की थी । लेकिन संभवत अब तक उन नामजद सटोरियों पर कोई कार्यवाही देखने को नहीं मिली है हां यह जरूर है कि विगत दिनों ही संभवतः तीन-चार दिन पूर्व ही शहर के ही सीएस होटल के पास कुम्हार वाडे मे एक कार्यक्रम में कई नामचीन जुआरी और सटोरियों एकत्रित हुए थे और वहा पर भी ताश व जुआ का संचालन इन मशहूर अवैध सटोरिये द्धारा किया जा रहा था । सूत्रों के अनुसार इस कार्यक्रम में जयस संगठन द्वारा दिए गए ज्ञापन में नामचीन सटोरिये और टल्ली भी इस कार्यक्रम में शामिल हुआ था और इनके द्वारा ताश का जुआ संपादित किया जा रहा था । हां यह जरूर है कि पुलिस की इसकी सूचना भी मिली और पुलिस ने उन सटोरियों को पकड़ने की संभवत योजना भी बनाई होगी और दबिश भी दी होगी । हमारे सूत्रों के अनुसार इसके पूर्व ही इन सभी नामचीन सटोरियों को पुलिस कारवाई का आभास हो हो चुका था और पुलिस के पहुंचने तक सभी सटोरिया वहां से नौ दो ग्यारह हो चुके थे । ऐसा लग रहा था मानो जुआरी और सटोरिए आगे आगे और पुलिस पीछे पीछे । सूत्रों के अनुसार पुलिस ने प्रयास जरूर किया था कि इन सटोरियों को पकड़ा जाए ,लेकिन पुलिस को सफलता प्राप्त नहीं हुई । सूत्रो के इन नामचीन सटोरियों द्वारा गांव गांव और शहर शहर में अपने एजेंट बना कर जुएं और सट्टे का संचालन किया जा रहा है और युवा पीढ़ी को इसकी लत लगाकर उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है । पुलिस विभाग द्वारा छोटे-छोटे सटोरियो और जुआरियों पर तो कारवाई की जा रही है लेकिन अब तक इन को संरक्षण देने वालों पर कोई बड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिली है जिससे इन अवैध कार्यो करने वालों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं और टल्ली, तुतन और लच्छू जैसे लोगों का जन्म होता जा रहा है ।
वही शहर के तेलीवाड़ा में भी अवैध रूप से सट्टे का संचालन हो रहा है और इन सटोरियों को पुलिस विभाग की कारवाई को लेकर कोई डर या भय देखने को नहीं मिल रहा है । जिसका एक ताजा उदाहरण हमें मिला है कि जब हमारी टीम ने तेलीवाड़ा से गुजर रही थी तो रोड पर ही सट्टे की स्लीप पड़ी हुई थी जिस पर अंक और राशि स्पष्ट रूप से नजर आ रही थी जो इस बात को दर्शा रही थी कि इस तेलीवाड़ा में सट्टे का संचालन हो रहा है । एक तरफ कुरीतियों और बुराइयों को समाप्त करने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है वही इस तरह अवैध माफियाओं द्वारा जुए और सट्टे का संचालन लगातार कर युवा पीढ़ी को भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है । इसके अलावा शहर के जागरूक युवा ने भी जुएं और सट्टे के संचालन को लेकर संभवत पुलिस विभाग को जानकारी भी प्रदान की है लेकिन अब तक इन अवैध माफियाओं पर कोई बड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिल रही है । क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर इन अवैध संचालकों पर कोई कारवाई करेगा या फिर यह सब यूं ही चलता रहेगा….?