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जो भागवत कथा रोज सुनेगा उसका आत्मकल्याण होगा और उसके सारे पाप जलकर राख हो जाएंगे : आचार्य श्री कौशिक

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आध्यात्म:जो भागवत कथा रोज सुनेगा उसका आत्मकल्याण होगा और उसके सारे पाप जलकर राख हो जाएंगे : आचार्य श्री कौशिक

रतलाम~~~~भागवत कथा एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें संपूर्ण पुराणों का सार भरा हुआ है। इसलिए इसे कहा गया है वेद का परिपक्व फल, जिसमें छिलका नहीं है, गुठली नहीं है, यह रस का खजाना है। भागवत कथा के प्रति सभी श्रद्धा रखें। सभी के घर में भागवत कथा होना चाहिए। जो इस कथा रोज सुनेगा उसका आत्मकल्याण होगा और उसके सारे पाप जलकर राख हो जाएंगे। जितनी भी बार कथा सुनेंगे उतनी ही बार आपको नई लगेगी।

यह बात पुराण मनीषी आचार्यश्री कौशिक जी महाराज ने कही। बरबड़ रोड स्थित विधायक सभागृह में भागवत का वाचन करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान सूर्य की पूजा करें, प्रतिदिन जल (अर्घ्य) चढ़ाएं। इससे हमारे जीवन में हमेशा प्रकाश रहेगा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के जीवन में सेवा भाव होना अति आवश्यक है। चाहे वह सेवा गुरुजनों, अतिथि या भगवान की हो। हनुमान जी का उदाहरण देते हुए महाराज जी ने कहा कि हनुमान जी श्रीराम जी की पूजा करते-करते स्वयं पूजनीय हो गए थे।

हनुमान जी के मंदिर में राम हो या ना हो, लेकिन श्रीराम के दरबार में हनुमान अवश्य होते हैं, यही सेवा का फल है। उन्होंने कहा कि ग्रंथों में श्रीमद् भागवत जैसा नहीं है। श्रीमद् भागवत ग्रंथ को ह्रदय में उतारना चाहिए। भगवान के नाम का स्मरण करेंगे तो कल्याण हो जाएगा। बुधवार को मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. लीला जोशी, नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, जनपद अध्यक्ष साधना जायसवाल रहे। व्यासपीठ का पूजन मुख्य अतिथियों ने किया। मांगल्य मंदिर समिति व जांगिड़ ब्राह्मण समाज ने स्वामी जी का सम्मान किया। अंत में श्रीमद् भागवत की आरती की गई।

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