झाबुआ

जिला चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का अंबार…. मरीज परेशान…

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झाबुआ। आईएसओ प्रमाणित जिला चिकित्सालय झाबुआ में एक मात्र सबसे बडा अस्तपाल होने के बावजूद भी अव्यवस्थाओ से घिरा रहता है। ऐसे में यह भर्ती मरिजो को आये दिन परेशानीयो का सामना करना पडता है।
एक ओर जहा जिला चिकित्सालय में मरीजो को ओपीडी पर्ची को लेकर समस्या पूर्व में पूर्व बताई थी। इसके बाद पीने के पानी को लेकर मरीजो एवं उनके परिजनो को परेशानी का सामना करना पड रहा है। अब सामने एक ओर परेशानी दिखाई दे रही है। जिसमें वार्ड में भर्ती मरीजो के सिर के उपर छत के प्लास्ट गिर रहे है। छते पुरी तरह से जर्जर हो रही है। वही आने वाले समय मे कही कोई बडी दूर्घटना ना हो जाये, इसके लिये भी जिला अस्पताल प्रबंधन कोई कदम नही उठा रहा है। ऐसे मे यदि कोई मरीज की जान के साथ कोई घटना होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा यह प्रश्न विचारनीय हैं….।?
मरीजो के भर्ती होने से लेकर उसकी डिस्चार्ज तक उसे समस्या का सामना करना पडता है। फिर चाहे भर्ती पर्ची को लेकर हो या फिर पानी की समस्या को या फिर वार्ड मे बिस्तारो की कमी को लेकर या फिर गर्भवती महिलाओ को बच्चा होने पर वार्ड में पूर्ण रूप से डाईट देने का हो। जिला अस्पताल में बढती इस समस्या का निवारण नही हो पा रहा है। ऐसे में मरीजो को परेशान होकर अपने घर लौटना पडता है। आखिर गरीब मरीज भी क्या करे भाई उसे तो अपना ईलाज करवाना है जो उसकी मजबूरी है। जिसका फायदा जिला अस्पताल प्रबंधन उठा रहा है। अपनी कामचौरी और लापरवाही को गरीब मरिजो के उपर थौप कर अपना काम बना रहे है। वही कमीशन के बडे खेल के चलते अपना काम कर रहे है। फिर चाहे वह एक चपरासी ही क्यो ना हो उपर तक अधिकारी भी मिले हुये है। आईएसओ प्रमाणित सर्टिफाईड होने के बावजूद भी झाबुआ जिला अस्पताल की हालत सबके सामने है। उसके बावजूद भी जिला अस्पताल प्रबंधन को किसी का कोई डर नही है। जिला कलेक्टर के दौरे पर जिला अस्पताल प्रबंधन उन्हे अच्छी जगहो का निरीक्षण करवाकर उल्टे पैर लौटा देते है। यदि बारिकी से जांच की जाए और एक एक कौनो का निरीक्षण यदि किया जाए , तो झाबुआ जिला अस्पताल की पोल सामने आ जाएगी। आखिर कैसे जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से मुंह मौड कर अपना उल्लु सिधा कर रहे है और अपना मतलब साध रहे है। जिसका शिकार बेचारे गरीब वर्ग के ग्रामीणो को होने पड रहा है। अब देखना यह है कि झाबुआ जिला चिकित्सालय की हालत मे कोई सुधार आता है या फिर अव्यवस्था अपने पैर इसी तरह पसारती रहेगी और जिम्मेदार अपना मुंह मोडते रहेंगे…..?

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