पेटलावद की भाजपा की राजनीति बड़ी ही हास्यास्पद स्थिति में पहुच गयी है।प्रदेश में भाजपा की सरकार जाने के बाद अब कांग्रेस की सरकार स्थिर नजर आ रही है।अब तक सरकार को अस्थिर मानने वालों ने भी सरकार के स्थायित्व को स्वीकार कर लिया है।झाबुआ जिले के पेटलावद की भाजपा राजनीति स्पष्ट रूप में दो भागों में बिखरी नजर आ रही है।पूर्व विधायिका के समर्थक ,एवम एक पवित्र सगंठन से जुड़े कतिपय भाजपाई उसके नाम का दुरुपयोग कर उसके सेवा व राष्ट्रवाद के उद्देश्यो को धोखा दे रहे है। अपने सत्तारुढ़ समय मे जो व्यवसाय सप्लाई ठेकेदारी जमीनों पर अवैध कब्जे रसुखदार की आड़ में कर रहे थे,वह व्यवसाय अब संकट में नजर आ रहा है।ऐसी स्थिति में उन्हें सत्तासीन लोगो का वरदहस्त जरूरी लगने लगा है।
यही भोपाल जाकर भाजपा का मंडल का बडा पदाधिकारी और पूर्व विधायिका का प्रबल समर्थक व चुनाव रणनीतिकार , कांग्रेस के पेटलावद नेता की शरण मे चले गये है।कांग्रेस का विश्वसनीय बनने के लिये भाजपा सांसद जी एस डामोर की ढेर सारी निंदा की ओर भाजपा को बुरी पार्टी का प्रमाण पत्र दे दिया। साथ ही यह अतिउत्साही माफिया ने यह भी उगल दिया कि हमने पिछले लोकसभा चुनाव मे कोई काम भी नहीं किया और धन भी खर्च किया। भुरीया को हराने की डींगे हांकते वक्त इन माफीयाओ को जोश जोश मे यह भी याद न रहा की उनके सामने पेटलावद के ही मुख्य कांग्रेस के कार्यकर्ता भी इस नेता के साथ बैठे है ।इन ईमानदार कार्यकर्ताओ को इन माफीयाओ का इस प्रकार गीरगीट की तरफ रंग बदलना नागवार गुजरा और पेटलावाद आते ही इन माफीयाओ के किस्से सार्वजनिक कर दिये।साथ ही उक्त कांग्रेस के नेता खिलाफ नाराजगी भी दर्शायी। यहां सवाल यह उठता है कि एक मण्डल का मुख्य पदाधिकारीअपनी पार्टी और अपने ही नेताओं की निंदा में लिप्त है तो वह पद पर क्यों बना हुआ है?
*क्यों इन नेताओं को कांग्रेसी खेमे में जाना पड़ा*
पेटलावद का एक भाजपा मंडल का मुख्य पदाधिकारी भाजपा शासनकाल में अपने सप्लाय के व्यवसाय के कुछ भुगतान नही हो पाने से व्याकुल है।उसे लग रहा है कि सत्तारूढ़ नेताओ की मदद से वो अपना भुगतान प्राप्त कर सकता है।जबकि पूर्व विधायक के एक प्रबल समर्थक तथाकथित समाजसेवी नेता को बरबेट रोड पर अपनी कॉलोनी की कीमत बड़ाने के लिये बस स्टैंड को जन भावनाओं के विरुद्ध अपनी मनचाही जगह स्थापित करवाना है।इसके लिये पूर्व एस डी एम से अपनी नजदीकी का लाभ लेते हुएको ईन्होंने वरबेट रोड पर अपनी जमीन के निकट बस स्टैंड बनाये जाने का प्रशासनिक प्रस्ताव स्थानीय शासन सचिवालय को भीजवा दीया हैं और अब कांग्रेस के नेताओं को खुश कर शासन स्तर से उसको हरी झंडी दिलवाने की फीराक मे हैं इसके लिए ऊन्होने दो काम कीये कांग्रेस के बडे नेताओं की चमचागीरी करना दुसरा सांसद सहित भाजपा नेता की बुराई करना और यह भी जानकारी है कि कांग्रेस के विधायक ने पहले इस प्रस्ताव का विरोध किया था पर अब माफीया नेता कि चापलूसी से प्रसन्न होकर प्रस्ताव को स्वीकृत कराने की दौड़ धुप लगा रहे हैं यह भी जानकारी मिली हैं ।
ये खेल इन राजनेताओं का है जो इन्हें पूर्ण रूप से स्वार्थी साबित करता है।अपने उक्त कार्यो के लिये ये दोनों नेता अपने प्रतिनिधियों के साथ भोपाल में डेरा डाले हुए है।प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री श्री जयवर्धन सिंह के जन्मदिन पर इन्होंने वहां तक पहुचने की जुगाड़ भी लगा ली,ओर कांग्रेसी नेता को साथ ले जाकर गुलदस्ता भी भेंट कर दिया।पेटलावद के उक्त नेता को शीशे में उतार कर कुछ अधिकारियों को अपनी मंशा ओर अपना ऑफर भी दे आये है।पूरे खेल में साफ नजर आ रहा है कि ये नेताद्वय सत्ता के साथ रहकर व्यवसायिक समीकरण बैठाना चाहते है।भाजपा को 15 साल भोगने के बाद अब कांग्रेसियत का मेवा भी चखना चाहते है।भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को हरकत में आना चाहिये।ये किस तरह के लोगो के हाथ मे आपने संगठन की बागडोर दे रखी है?इन जैसे लोगो ने भाजपा को कांग्रेस के पास गिरवी रख दिया है।क्या कांग्रेस विधायक इस बात की चर्चा नही करेगा कि भाजपा का मण्डल का पदाधिकारी व एक पवित्र सगंठन से जुड़े व पूर्व विधायक को उगंली व आंखों के ईशारों से राजनीति करने का दंभ रखने वाले तथाकथित माफिया परिवार का सदस्य भी मेरे पास नाक रगड़ने आया था?
*कांग्रेस का एक रसूखदार धड़ा भी नाराज*
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहाँ की मे उन दो रायपुरिया क्षेत्र के कांग्रेस के पदाधिकारियों की भूमिका को भी उपर आलाकमान को बताऊंगा जिन्होंने इन भाजपाई सप्लायरो को नेताओं व माननीय मंत्री जयवर्धन सींह जी ,श्री मकरामजी ओर श्री सज्जन सिंह वर्मा से कांग्रेसी बताकर मुलाकात करवाई।क्यों इनके रुके हुए पेमेंट निकालने की पेरवी की
*साथ ही इस टेंडर घोटाला की जांच*
नाराज कर्मठ कांग्रेस के नेता ने बताया कि मे मुख्यमंत्री से मिलकर आजीविका मिशन के माध्यम से किये गये नियमों के वीरुध टेंडर, ई टेंडर ओनलाइन प्रक्रिया न अपनाते हुए जबकि नियमों के तहत पचास हजार से उपर के सभी कार्य कि ई टेंडर से होते है व बीना विग्यप्ति नियमों को ताक मे रखकर घटिया बीना क्वालिटी टेस्ट के मार्केट से खरीद कर माफीयाओ से नाम मात्र की मात्रा मे सप्लाई करने और भाजपा के सप्लायरो के घोटाले कि उच्च स्तरीय जांच करवाऊंगा।कैसे इस एनजीओ संस्था को स्कूल के बच्चों को बाटने की ड्रेसे का आर्डर मिला?कैसे व कीन नियमों के तहत सप्लायरो ने नाम मात्र कि घटिया ड्रेसे बाटकर पुरे पैसे हडप लिए? आखिर क्यों नही की गयी एनजीओ से ड्रेसे खरिदने की प्रक्रिया की जांच? क्या इनके पास कपडा खरीदने के बिल कोटेशन माल की डिलीवरी के ईवे बील है?अगर प्रदेश के बडे ड्रेस घोटाले की जांच लोकायुक्त से करवाई जाती है तो निश्चित ही ड्रेस माफीयाओ को व आजिविका मिशन के कर्ताधर्तोओ को जेल जाना तय है साथ ही जांच के बाद बारह करोड़ की वसूली भी करवाई जानी चाहिए
।साथ ही कांग्रेस के नेता ने बताया कि उक्त सप्लायरो के वीगत पंद्रह वर्षो के तमाम कार्यो की जांच होनी चाहिये।इनके ठेके,छात्रावासो,स्कूलों भाबरा पेटलावाद, नगरपालिका नगरपरिषद मे, पंचायतो,जनपद पंचायतो,में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में अनेक जिलों मे चांदी के गहने की जगह मिलावटी गहने देने ,समग्र स्वछता के तहत बनाये कागजों पर शौचालयो जैसे अनेक योजना के कार्य इन्होने किये है।ऐसे जनहित की योजनाओं को पलिता लगाने वाले कार्यो की जांच होनी चाहिए।
केप्सन फोटू (3) आदमी जाती कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मकराम ने जीस ड्रेसघोटाले कि जांच की बात कही कुछ घंटे बाद घोटाले के मुख्य सुत्रधार के साथ फोटू खिचवाया