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अमृतकाल का यह बजट सर्वत्र लोक कल्याणकारी है – विधायक चेतन्य काश्यप

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अमृतकाल का यह बजट सर्वत्र लोक कल्याणकारी है – विधायक चेतन्य काश्यप
रतलाम, 11 फरवरी 2023। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट अमृत काल का लोक कल्याणकारी बजट है। यह बजट आजादी के 100 साल बाद भारत की परिकल्पना का है। इसमें किसान, मध्य वर्ग, महिला से लेकर समाज के सभी वर्ग के विकास की रूपरेखा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा देश के नागरिकों को सामाजिक न्याय, समानता, सम्मान और समान अवसर उपलब्ध कराने वाला बजट  बना है।

यह बात विधायक चेतन्य काश्यप ने शनिवार को केंद्रीय बजट पर आयोजित पत्रकारवार्ता में कही। इस दौरान महापौर प्रहलाद पटेल, भाजपा जिला महामंत्री प्रदीप उपाध्याय, निर्मल कटारिया एवं जिला मीडिया प्रभारी अरूण त्रिपाठी उपस्थित रहे। विधायक श्री काश्यप ने बताया कि कोरोना के दो साल दुनिया की आर्थिक अर्थव्यवस्था गड़बड़ाने के दौरान भारत भी प्रभावित हुआ था, लेकिन यह समय बीतने के बाद बहुत तेजी से भारत संभला, जिसका नतीजा यह लोक कल्याणकारी बजट है। यह दुनिया में सबसे तेज गति से देश को विकास की राह दिखाने वाला और भारत को सुपर इकोनाॅमी पावर बनाने वाला बजट है। बजट में कई मुद्दों पर बड़ी राशि दी गई है, जैसे कि पीएम आवास योजना का बजट बढ़ कर 69 हजार करोड़ रुपए कर दिया गया है, जो कि 66 प्रतिशत अधिक है। नव उद्यमी को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई को 9 हजार करोड़ रुपए की क्रेडिट गारंटी दी जाएगी। इससे घरेलू अर्थव्यस्था को मजबूती मिलेगी और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
बजट में पुरानी टैक्स व्यवस्था को खत्म किया गया है। मध्यम वर्ग के नौकरीपेशा लोगों को 7 लाख रुपये सालाना की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। टैक्स स्लैब को भी घटा कर 5 तक सीमित कर दिया गया है। इससे सीधे एक करोड़ परिवार प्रभावित होंगे। मोटे अनाज के उत्पादन में देश की स्थिति काफी बेहतर है। इससे पाचन क्रिया ठीक रहती है। सरकार ने इसे मिशन के रूप में लिया है। भारत को ग्लोबल हब बनाने की दिशा में हैदराबाद में इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ मिलेट रिर्सच स्थापित करना बड़ा कदम है।
विधायक श्री काश्यप ने बताया कि पिछड़े आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए विकास मिशन शुरू होगा। इसके लिए लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का कोष बनाया गया है। बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित होगा। इससे देश के विभिन्न राज्यों की कला, संस्कृति, भाषा, साहित्य और वहां के महापुरूषों को जानने में आसानी होगी। अगले 3 साल में 740 एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स और सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति होगी।
सरकार द्वारा पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया है। युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एक कृषि त्वरक कोष की स्थापना की गई है। अगले 3 साल तक 1 करोड़ किसानों को नेचुरल फॉर्मिंग में मदद की जाएगी। इसके लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर्स बनाए जाएंगे। 6000 करोड़ की राशि से पीएम मत्स्य संपदा योजना की नई उप-योजना मछुआरे, मछली विक्रेताओं और इस क्षेत्र के माइक्रो और स्माॅल उद्यमियों को और सशक्त बनाएगी। पीएम कौशल विकास योजना 4.0 से देशभर में 40 स्किल इंडिया सेंटर्स स्थापित होंगे, जो युवाओं के कौशल में और निखार लाएगा।
श्री काश्यप ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा महिला सम्मान विकास पत्र जारी करने का निर्णय लिया गया है। इसमें महिलाओं को अब 2 लाख रुपए की बचत पर सालाना 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत खाते की लिमिट 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए कर दी है। बचत योजना की लिमिट को भी 15 लाख से बढ़ा कर 30 लाख रुपये कर दिया गया है। वर्ष 2023-24 का आम बजट ग्रीन ग्रोथ के लक्ष्य का आधार है। नेशनल हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। सरकार का 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य है। एनर्जी ट्रांजिशन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का फंड दिया गया है। 5जी सर्विस पर चलने वाले ऐप डेवलप करने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 लैब बनाई जाएंगी। इन लैब्स में स्मार्ट क्लासरूम, प्रिसाइजन फार्मिंग, इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम और हेल्थकेयर जैसे फील्ड्स के लिए ऐप्स तैयार होंगे। उक्त जानकारी भाजपा के जिला सहमीडिया प्रभारी निलेश बाफना ने दी।
रेलवे का 9 गुना अधिक बजट –
श्री काश्यप ने बताया कि रेलवे के लिए 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का बजट दिया गया है जो कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय के 2013-14 के बजट से 9 गुना अधिक है। सिंगल लाइन को डबल करने के साथ ही टेªनों की गति को बढ़ाने का कार्य चल रहा है। इससे यात्रियों को बहुत सुविधा मिलेगी। 2014 से मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। 2047 तक एनीमिया के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है।

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