झाबुआ

यशवंत भंडारी ” यश ” की पुस्तक… वर्णमाला में मनोभाव… इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड 2022 में चयनित होने पर सम्मान किया गया

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झाबुआ:- अंचल के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं प्रख्यात साहित्यकार यशवंतजी भंडारी “यश” की आठवीं पुस्तक “वर्णमाला में मनोभाव” के “इंडिया बुक आफ रिकार्ड-2022” में चयनित होकर नेशनल लेवल पर सर्टिफाइड होने तथा मेडल प्राप्त होने पर निजी रेस्टोरेंट में गरिमामय समारोह में श्री भंडारी की इस उपलब्धि के लिए उनका सभी ने सम्मान करते शुभकामनाएं प्रेषित की।

सम्मान समारोह कार्यक्रम शहर के दादाजी होटल में शाम करीब 7:30 बजे प्रारंभ हुआ । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रसिद्ध साहित्यकार प्रोफेसर के.के त्रिवेदी ,डा.प्रदीप संघवी , रोटरी क्लब अध्यक्ष कार्तिक नीमा , सकल व्यापारी संघ अध्यक्ष संजय काठी , भाजपा नेता दौलत भावसार, सामाजिक महासंघ से नीरज राठौर, वरिष्ठ पत्रकार यशवंत पंवार थे । सर्वप्रथम अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की । स्वागत उद्बोधन पत्रकार प्रवीण सोनी ने दिया। पश्चात सभी अतिथियों और मीडिया कर्मियों का स्वागत तिलक लगाकर और मोती की माला पहनाकर किया गया । इसके बाद साहित्यकार यशवंत जी भंडारी ने सर्वप्रथम अपने सभी मित्रों और मीडिया कर्मियों को कार्यक्रम में उपस्थिति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया तथा उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कोरोना काल में उन्होंने काफी पुस्तकों का अध्ययन किया व शब्दों का अध्ययन किया । उनके महत्व को गहराई से जाना तथा वरिष्ठ जनों से लगातार संपर्क में रहकर वर्णमाला के अधिकतम अक्षरों पर काव्य रचना तैयार करने को लेकर अध्ययन किया तथा पुत्र की घटना पर एक और पुस्तक “जिंदगी भी लिखी ,इसी प्रकार आनंद अश्रु, नाजायज का दर्द जैसी और भी कई पुस्तकें इनके द्वारा लिखी जा चुकी है । उसके पूर्व उन्होंने एक मार्मिक घटना का उल्लेख भी किया जिसमें बताया कि जब उनके पुत्र का इलाज किसी निजी अस्पताल में हो रहा था और उन्हें वहां तक पहुंचने के लिए एक गेटकीपर ने मना किया तब उन्होंने उस गेटकीपर से काफी मिन्नतें की , निवेदन किया और उस मार्मिक घटना के बाद उनके मन में अनेक विचार आए और उन विचारों के माध्यम से भी पुस्तक लिखने में सहयोग मिला । इसके अलावा और भी पुस्तक लेखन से लेकर विमोचन तक के अनुभव साझा किए । वहीं अतिथि के तौर पर सामाजिक महासंघ से नीरज राठौर ने कहा कि जिस प्रकार क्रिकेट में ऑलराउंडर होता है उसी प्रकार हमारे सामाजिक जीवन में यशवंत भंडारी जी एक ऑलराउंडर की भूमिका निभा रहे हैं समय आने पर जाने पत्रकार भी बन जाते हैं लेखक भी बन जाते हैं समाजसेवी भी बन जाते हैं । उन्होंने यशवंत जी भंडारी को समाज का कोहिनूर की संज्ञा दी है ।

वरिष्ठ पत्रकार यशवंत पवार ने भी भंडारी जी को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि जिस प्रकार समुद्र का मंथन हुआ था तब उसमें से विष,अमृत , रत्न आदि अनेक वस्तुएं निकली थी । उसी प्रकार हमारे भंडारी जी का मंथन हो रहा है तो उनमें से अनेक कलाएं बाहर निकल कर आ रही है जैसे पत्रकार, लेखक , समाजसेवी आदि आदि । यशवंत पवार ने यशवंत भंडारी को बिरले वयक्ति की संज्ञा भी दी । डॉ प्रदीप संघवी ने भी यशवंत भंडारी के बारे में कहा कि उनमें अनेक कलाएं से परिपूर्ण है समय अनुसार वे परिवर्तित भी होते रहते हैं उनकी लेखनी व शब्दावली में शब्दों का चयन अद्भुत है कई बार जैन समाज में प्रवचन के दौरान जब यशवंत जी भंडारी वक्तव्य देते हैं तो कई बार साधु संत भी उनके द्वारा उपयोग किए शब्दों से अचंभित हो जाते हैं । सकल व्यापारी संघ से संजय कांठी ने भी कहा कि झाबुआ जैसे छोटे से क्षेत्र से यशवंत जी भंडारी ने अपनी आठवीं पुस्तक वर्णमाला में मनोभाव का चयन इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड 2022 में चयन होना जिले के लिए गौरव की बात है । भाजपा नेता दौलत भावसार ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जब भी उनका मिलना प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से होगा , तब उनसे इस पुस्तक को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए निवेदन करेंगे । चूंकि इस पुस्तक में वर्णमाला के 47 अक्षरों से परिपूर्ण है । प्रोफेसर केके त्रिवेदी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए, अनुभव भी साझा किए । पश्चात उपस्थित सकल व्यापारी संघ के अध्यक्ष संजय कांठी , सामाजिक महासंघ अध्यक्ष नीरज राठौर, रोटरी क्लब अध्यक्ष कार्तिक निमा, पत्रकार महासंघ से पीयूष गादीया, हिमांशु त्रिवेदी , वरिष्ठ पत्रकार श्याम त्रिवेदी व प्रवीण सोनी, पत्रकार सलीम हुसैन, संदीप जैन , अमित जादौन , दौलत गोलानी , ऋतिक विश्वकर्मा, राकेश पोद्दार , वनवासी कल्याण परिषद से मनोज अरोड़ा द्वारा प्रसिद्ध साहित्यकार यशवंत जी भंडारी का पुष्प मालाओं से स्वागत किया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा दी गई सर्टिफाइड कॉपी का वाचन कर, उनका अभिवादन किया । कार्यक्रम का सफल संचालन शरद शास्त्री जी ने किया व आभार निखिल भंडारी ने माना ।

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