रतलाम। ग्राम सेमलिया में आदर्श आंगनवाड़ी के रूप में तैयार किया गया भवन, केवल कागजों पर ही रह गया। भवन की दीवारों में दरारे पड़ रही है, टाइल्स उखड़ रही है। पानी का हैंडपम्प बंद पड़ा है, सुविधाघर में केंद्र का सामना जमा रखा है या ये कहे कि यह आदर्श केंद्र भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गया, राशि आई लेकिन रंगरोगन और कायाकल्प नहीं हुआ। 2014-15 का भवन जरुर है, लेकिन बना 2017-18 में बना है।जब कार्यकर्ता से पिछले साल आंगनवाड़ी में खिलौने के लिए आई राशि के संबंध में पूछा तो कार्यकर्ता शोभा सोनार्थी का कहना है कि करीब आठ-दस माह पहले आए थे। रुपए सुपरवाइजर व सर को निकलवा कर दे दिए, उन्होंने जैसा कहा कि वैसे किया। उन्होंने कहा कि पैसे निकालकर दे दो हम खिलौने लाकर देंगे। खिलौने के बारे में पूछा तो उनका कहा था कि खिलौने मेरे यहां पड़े है वाहन लेकर आना और ले जाना है। यहां चुहें बहुत है, इसलिए मैं भी खिलौने लेकर नहीं आई।
सुविधाघर बनाया निकासी नहीं दी
आदर्श आंगनवाड़ी के अंदर बनाया गया सुविधाघर में केंद्र की अन्य सामग्री पड़ी हुई है। वह किसी उपयोग में नहीं लिया जाता है। कार्यकर्ता का कहना था कि उसमें जंगली जनावर आने लगे तो मैंने सीट को सीमेंट डालकर बंद कर दिया। कार्यकर्ता का कहना था कि ठेकेदार ने बनाया ही ऐसा बाहर पानी की निकासी ही नहीं दी, पाइप तक नहीं दिया।
केंद्र का हैंडपम्प खराब
आदर्श आंगनवाड़ी में जगह-जगह दीवारों में दरार पडऩे लगी है। स्टोर रूम के लिए बनाई गई दीवार हिल रही थी, उसे भी पंचायत में कहकर पंचनामा बनवाया और गिरवाई, उसके भी गिरने का डर बना रहता था। पानी की व्यवस्था ग्राम पंचायत की ओर से की जाती है। हैंडपम्प खराब पड़ा हुआ है। हर दिन 20-22 बच्चे आते हैं, उन्हें समूह की ओर से मिनू अनुसार भोजन भी नहीं दिया जा रहा है।
आदर्श केंद्र के रूप में बनाई थी सेमलिया आंगनवाड़ी
आंगनवाड़ी केंद्र सेमलिया सुपरवाइजर विष्णु चौहान का कहना है कि सेमलिया आंगनवाड़ी केंद्र आदर्श में लिया है बना 2017-18 में है, लेकिन लॉकडाउन के बाद उसमें कुछ कर नहीं पाए। पिछले साल सरपंच ने रंगरोगन करवाया था, बाथरुम निकासी नहीं होने के संबंध में मैने सरपंच से कहा था कि इसको व्यवस्थित कर दो। पंचायत में पत्र और लिखेंगे की शौचालय सही किया जाए।
इनका कहना है
आदर्श तो कम ही है, छह बाल शिक्षा केंद्र बने थे। सेमलिया आदर्श है मुझे पता नहीं है। अगर राशि आई है तो, कार्यकर्ता को रंगरोगन करवाना चाहिए। इसके अलावा खिलौने के नाम पर दो साल में कोई राशि नहीं आई है। जर्जर हो रही है तो सुधार करवाया जाएगा। रजनीश सिन्हा, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग, रतलाम