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अपनी मर्जी से रख लिए कर्मचारी, खुलासा : वेतन भी जेब से दे रहे

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अपनी मर्जी से रख लिए कर्मचारी, खुलासा : वेतन भी जेब से दे रहे

पंजीयन विभाग का मामला: विभाग पर नहीं किसी का जोर

रतलाम.~~ अगर आप जिला पंजीयन कार्यालय में भवन, भूखंड का पंजीयन, वसीयतनामा या मुख्तारनामा बनवाने जा रहे है तो आपका फोटो खींचा जाता है। इस कार्य को करने के लिए बगैर कोई निविदा, बगैर शासन की मंजूरी के कर्मचारियों ने निजी व्यक्ति को रख लिया है। इस काम के बदले चंदा कर 10 हजार रुपए वेतन दिया जा रहा है। न सिर्फ रतलाम बल्कि जिले के जावरा व आलोट के पंजीयन कार्यालय में भी इसी तरह कर्मचारी रखे गए हैं।

पंजीयन विभाग में कई दिन से सर्वर की समस्या बनी हुई है। इससे दैनिक होने वाले भवन या भूखंड के पंजीयन की गति पर असर पड़ा है। सर्वर कमजोर होने से राजस्व पर भी असर आ रहा है। इसी बात की पड़ताल करने जब पत्रिका राजमहल परिसर में स्थित जिला पंजीयन कार्यालय में पहुंची तो हैरान करने वाला खुलासा हुआ।
इसलिए गलत है ये
असल में इस विभाग में भूखंड या भवन का पंजीयन तो होता ही है इसके साथ-साथ वसीयतनामा भी होता है। वसीयत बेहद गोपनीय दस्तावेज होता है। इसको बनाने वाले की मृत्यु के बाद ही उजागर किया जाता है, जबकि गैर शासकीय कर्मचारी के होने से गोपनीयता का पालन हो भी रहा है या नहीं, इसका दावा कोई नहीं कर सकता है।
सक्षम अधिकारी की मंजूरी नहीं
आमतौर पर शासन विभिन्न कार्यों में आउटसोर्स के कर्मचारी रख रहा है, इसकी मंजूरी सक्षम अधिकारी की तरफ से होती है, लेकिन जिला पंजीयन कार्यालय सहित जिले के जावरा व आलोट में तो बगैर सक्षम अधिकारी की मंजूरी के ही इस प्रकार के कर्मचारी रख लिए गए है।
गलत है, पर मजबूरीबगैर मंजूरी के कर्मचारी रखना गलत तो है, लेकिन विभागीय मजबूरी है। कर्मचारियों के अभाव में रखा गया है।

– अमरेश नायडू, जिला पंजीयक, रतलाम

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