जिले की एक ऐसी फसल, जिसे सुरक्षा घेरे में लगते चीरे
रतलाम। अफीम की फसल इन दिनों खेतों में लहलहा रही है, तो किसानों की भी फसल सुरक्षा को लेकर चिंता बड़ गई है। क्योंकि फसल के पौधों में फूल निकलने लगे है. कुछ दिनों बाद इनमें डोडे निकल आएंगे। इसके बाद चीरे और फिर अफीम निकालने की शुरुआत हो जाएगी। इसके लिए सुरक्षा घेरा किसानों ने तैयार कर लिया है, ताकि कोई इसे नुकसान नहीं पहुंचा सके।
इसलिए अफीम के पौधों की सुरक्षा के लिए खेत के चारों तरफ तार फेंसिंग और ऊपर जालीदार नेट लगाना अनिवार्य हो गया है। जिससे पशु-पक्षी से इस फसल के डोडे और फूलों को बचाया जा सके।
अब सब कुछ पौधों की हिफाजत परजिले के अफीम कास्तकारों ने अफीम की सुरक्षा के लिए खेतों के चारों तरफ तार फेसिंग के साथ ही उपर नेट बिछा दी है। समीपस्थ ग्राम पिपल्या सिसौदिया के किसान लक्ष्मीनारायण पाटीदार ने बताया कि अफीम फसल की देखभाल से लेकर पौधों की हिफाजत करना बहुत जरूरी है, अन्यथा पशु-पक्षी इसको नुकसान पहुंचा देते है।
क्या कहते ग्राम के मुखियाग्राम के मुखिया सत्यनारायण राठौर ने बताया कि गांव के लगभग सभी 35 से 40 अफीम पट्टेधारी ( प्रत्येक किसान को 10 विस्वा कृषि जमीन पर) किसान अफीम के खेत पर तार फेंसिंग व ऊपर इसी तकनीकी का प्रयोग कर रहे है, ताकि पक्षी फसल को तनिक भी हानि नहीं पहुंचा सके, उन्होंने बताया कि फिलहाल तो अफीम फसलें बेहतर है।