धार, 18 फरवरी 2023/ उपायुक्त, सहकारिता महेन्द्र कुमार दीक्षित ने बताया कि शहरी साख सहकारी संस्थाओं द्वारा केवल अपने सदस्यों से ही अमानते प्राप्त किया जाना तथा उन्हें आवश्यकता अनुसार ऋण दिया जाना प्रावधानित है। उक्त संस्थाएँ बैंकिंग कार्य हेतु भारतीय रिजर्व बैंक से लायसेस प्राप्त न होने तथा उक्त संस्थाओं में जमा अमानत बीमित नहीं है। अतः संबंधित संस्थाओं में आमजन को राशि जमा करने से पूर्व जमा राशि की सुरक्षितता के बारे में पर्याप्त सावधानी रखना चाहिए शहरी साख संस्थाएँ उनके सदस्यों के द्वारा ही शासित एवं संचालित है। उक्त संस्थाओं में जमा राशि संबंधित सदस्यों या अन्य व्यक्तियों को प्राप्त न होने की स्थिति में सहकारिता विभाग के किसी भी अधिकारी का कोई दायित्व नहीं है। इस संबंध में आयुक्त सहकारिता मप्र द्वारा सहकारिता विभाग के सभी जिला अधिकारियों को सुचित भी किया गया है।
श्री दीक्षित उपायुक्त ने बताया कि आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएँ मप्र भोपाल द्वारा जारी निर्देशों के परिप्रक्ष्य में अवगत कराया कि शहरी साख संस्थाएं अपने सदस्यों के प्रति अर्थात आमसभा के प्रति उत्तरदायी होती है। इन संस्थाओं के दिन प्रतिदिन के कार्य संचालन में सहकारिता विभाग का कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं रहता है। अपितु संस्था संचालक मंडल द्वारा सदस्यों के हित में संस्थाओं की पंजीकृत उपविधियों एवं संस्थाओं के संचालन हेतु बनायी गयी नीतियों के अनुरूप कार्य किया जाता है। अतः सदस्य जमाकर्ताओं को परामर्श दिया जाता है कि वह स्वयं अपनी रिस्क पर शहरी साख संस्थाओं में राशि अमानत अथवा अन्य रूप में जमा करावें सदस्यों की अमानत राशि की अदायगी में सहकारिता विभाग अथवा शासन का कोई अन्य विभाग दायित्वाधीन नहीं है।