छत पर सौर पैनल्स लगाने के लिए बढ़ रहा है लोगों का इंटरेस्ट
रतलाम। मध्यप्रदेश में सौर उर्जा को लेकर लोगों की रुचि बढ़ रही है। गत 45 दिन में ही इंदौर, भोपाल, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर सहित अन्य शहरों में सौर उर्जा के नए केंद्र बनाए गए हैं। ऐसे में प्रदेश की सौर ऊर्जा क्षमता 2774.78 मेगावाट से और बढ़ने की संभावना है। नए वर्ष के 45 दिनों में इंदौर शहर के 150 उपभोक्ताओं ने अपने परिसर, छत पर सौर पैनल्स लगाए हैं। अब इंदौर शहर, सुपर कॉरिडर, बायपास आदि क्षेत्रों में अपने परिसर से बिजली बनाने वालों की संख्या 4300 के करीब हो गई है। रतलाम में भी तेजी से संख्या बढ़ी है। वहीं कंपनी क्षेत्र में यह संख्या बढ़कर 7250 के पार पहुंच गई है।
बिजली बिल में आएगी कमी
इंदौर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मप्र में सबसे ज्यादा स्थानों के उपयोग वाला शहर है तो इंदौर के बाद उज्जैन में 900, धार में 400, रतलाम में 305, खरगोन में 245 इमारतों की छतों, परिसरों पर सौर ऊर्जा से बिजली तैयार की जा रही है। जबकि मंदसौर व नीमच में भी इसके प्रति रूझान कायम है। इसी प्रकार भोपाल में 333, जबलपुर में 402, ग्वालियर में 339 सौर उर्जा केंद्र छत पर लगाए गए हैं। अमित तोमर, प्रबंध निदेशक, मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर का कहना है कि ग्रीन एनर्जी के प्रति रूझान बढ़ने का कारण बिजली के मौजूदा बिल में कमी के साथ ही परिसर में ही अपनी छत, अपनी बिजली की भावना को बढ़ावा देना भी है। उपभोक्ता सोलर पैनल्स लगाने में जितनी राशि खर्च करते हैं, वह राशि लगभग साढ़े तीन से चार साल में वापस मिल जाती है।
पैनल्स क्षमता अब 80 मेगावाट
छतों, परिसरों से बिजली तैयार करने वाले मौजूदा उपभोक्ताओं की पैनल्स स्थापना क्षमता अब 80 मेगावाट होने को है। पांच साल के दौरान यह बढ़ी है। शासकीय इमारतों, कचरा स्टेशनों, दुकानों, कार्यालयों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, अस्पतालों की छतों और परिसरों में ऐसे सोलर पैनल्स कार्य कर रहे हैं। इससे बिजली के बिल में कमी आ रही है। कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए भी अच्छा है।