झाबुआ

अस्पताल में जमीन पर उपचार, मामा की बहन-भांजी को नहीं मिल रहे पलंग और गद्दे

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अस्पताल में जमीन पर उपचार, मामा की बहन-भांजी को नहीं मिल रहे पलंग और गद्दे

रतलाम। प्रदेश सरकार बहन-बेटियों के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन रतलाम के महारानी राजकुवर जिला अस्पताल में मरीजों को जिम्मेदारों की अनदेखी के जमीन पर लेटकर उपचार करवाना पड़ रहा है। यह बात अलग है कि कायाकल्प के अन्तर्गत लाखों रुपए खर्चा कर आधुनिक उपकरण और अस्पताल को सजाया संवारा गया, लेकिन उपचार कराने पहुंच रहे मरीजों को पलंग तो दूर जमीन पर बिछाने के लिए गद्दे तक नशीब नहीं दिए जा रहे हैं।दर्द से कहराते मरीज जमीन पर घर से लाए शॉल, पल्ली, दरी आदि बिछाकर रात से सुबह तक उपचार कराने को मजबूर है। इसमें कई मामा की भांजी और बहने शामिल है। यह हाल अस्पताल के जनरल वार्ड के जहां पर मरीजों की फजीहत हो रही है, और जमीन लेटकर उपचार कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यह बात अलग है कि सरकार बालिकाओं-महिलाओं के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना, सुकन्या समृद्दि योजना प्रधानमंत्री मात्र वृंदना, सुमन, समर्थ आदि कई योजनाएं चला रही, ताकि उन्हे सुविधा और लाभ मिले और उनका जीवन में कोई परेशानी न आए।

क्या कहती स्टॉफ नर्स

इस दौरान जिला अस्पताल में जब स्टॉफ नर्सों से बात की गई तो उनका कहना था कि क्या करे यहां तो हमेशा ही कमी रहती है। गर्मी में तो और अधिक परेशानी होगी, एक पलंग पर दो-दो को भी जगह देकर उपचार किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज तो कोई जाना नहीं चाहता, वहां जाओ बेड मिल जाएगा। वहां कोई जाना नहीं चाहता।

क्या कहते मरीज

– खाचरौद से कृतिका के साथ आए परिजन ने बताया कि खासी-सर्दी की परेशानी लेकर कल रात को जिला अस्पताल आए, भर्ती किया लेकिन बेड नहीं दिया। इसलिए घर से लाए चद्दर बिछाकर जमीन पर रात गुजारी और बॉटल चढ़ाई।
– हाथ-पैर दर्द और बुखार के लिए भर्ती हुई अन्नपूर्णा के साथ आए दीपक ने बताया कि जमीन पर ही उपचार कराना पड़ रहा है, बेड का कहा था तो कहते करते है इंतजाम।
– मरीज परवीन ने बताया कि कल रात को आए थे उपचार कराकर चले गए थे, सुबह आए तो बेड नहीं मिला इसलिए जमीन पर ही जगह मिली यहां पर उपचार करा रहे हैं।

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