करीब चार करोड़़ की लागत से बनकर तैयार हो रही है रीजनल फारेंसिक साइंस लैब पुलिस का समय और पैसा दोनों बचेगा और कार्रवाई में आएगी तेजी
रतलाम.~~ इंदौर, सागर या भोपाल में जाने वाले पुलिस विभाग के फारेंसिक नमूनों की जांच जल्द ही रतलाम में शुरू होने जा रहे हैं। इसके लिए भवन आकार लेने लगा है और आगामी दो से तीन माह के भीतर यह काम करना शुरू कर देगी। फारेंसिक साइंस लैब में न केवल रतलाम वरन मंदसौर, नीमच और झाबुआ के भी नमूने जांच के लिए पहुंचेंगे।
पुलिस की 80 फीसदी जांचे यहीं होंगीकिसी भी तरह के अपराध में फारेंसिक विभाग द्वारा नमूने लेकर जांच कराई जाती है। ज्यादातर में रक्त, विसरा और 376 मामले में जांच कराई जाती है। इनकी जांच होने से पुलिस की 80 फीसदी जांचे यहीं हो सकेंगी।
चार करोड़ की लागत आएगी
रीजनल फारेंसिक साइंस लैब के भवन निर्माण, फर्नीचर और आधुनिक उपकरणों पर करीब चार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। भवन का निर्माण वीरियाखेड़ी से आगे जुलवानिया रोड पर इस समय चल रहा है।
ये जांचे होंगी इस लैब में
रीजनल फारेंसिक साइंस लैब रतलाम में खुलने के बाद टाक्सोलॉजी, बायोलॉजी और नारकोटिक्स की जांच की जाएगी। वैसे फारेंसिक में नौ सेगमेंट की जांच होती है जिसमें अन्य कई प्रकार की जांचे शामिल होती है।
नारकोटिक्स में होगा फायदा
मंदसौर और नीमच जिले में नारकोटिक्स की जांच के नमूने आते हैं। रतलाम में लैब खुल जाने के बाद इन दोनों जिलों के नारकोटिक्स के नमूनों की जांच यहीं पर होने से इंदौर, सागर और भोपाल जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। यह होगा फायदा
– नमूनों की जांच के लिए पुलिस का समय और पैसा दोनों बचेगा।
– पुलिसकर्मियों को सागर या भोपाल जाने से मुक्ति मिलेगी।
– जल्द रिपोर्ट आने से केस स्टडी में ज्यादा समय मिल पाएगा।
– नया स्टाफ और आधुनिक मशीनें मिलने से फारेंसिक विभाग का विस्तार होगा।
तैयार हो रही है फारेंसिक लैब
वीरियाखेड़ी में रीजनल फारेंसिक साइंस लैब तैयार हो रही है। जल्द ही इससे जांच शुरू होगी जिससे चार जिलों रतलाम, मंदसौर, नीमच और झाबुआ के नमूनों की जांच में तेजी आएगी। डॉ. अतुल मित्तल, एफएसएल अधिकारी, रतलाम पुलिस