झाबुआ

बिस हजार की आबादी के बाद भी नहीं है एक भी चिकित्सक

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( कैसा है यह ग्रामीण क्षेत्रों का विकास)

(सरकार द्वारा निकाली जा रही विकास यात्रा, मामाजी जमीनी हकीकत कुछ और ही दर्शाती है)

(विकास के नाम पर जनप्रतिनिधि लूट रहे झूठी वाहवाही)

झकनावदा-(राजेश काॅसवा):-कहने को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झकनावदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तब्दील हो गया है। 6 करोड़ के लगभग की बिल्डिंग भी निर्माणाधीन है। पर विगत कई माह से डॉक्टर की कमी से जूझ रहे हैं चालीस गांव के तकरीबन 20000 लोग। गौरतलब है कि झकनावदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ डॉक्टर एम. एल.चोपड़ा अपनी सेवाएं नित्य दे रहे थे। लेकिन शासन की नीतियों के अनुसार उन्हें अतिरिक्त प्रभार बीएमओ पेटलावद बनाया गया था। तब भी वह झकनावदा में पदस्थ होने की वजह से अपना हेड क्वार्टर झकनावदा रख कर ग्रामीणों को सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ अतिरिक्त प्रभार बीएमओ पद का निर्वाह बखूबी कर रहे थे। लेकिन प्रशासन द्वारा उन्हें स्थानांतरित कर सी बीएमओ चंद्रशेखर आजाद नगर भाबरा जिला अलीराजपुर स्थानांतरित कर दिया गया है। जिस वजह से झकनावदा क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं पूर्ण रूप से चरमरा गई है । यहां पर काफी बड़ा क्षेत्र लगने की वजह से प्रतिदिन 10 से 20 प्रसव हेतु महिलाएं भी आती है। व क्षेत्र से प्रतिदिन सैकड़ों लोग झकनावदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अपना इलाज करवाने हेतु आते है। जो वर्तमान में झोलाछाप चिकित्सक व धार जिले के राजगढ़ के मानव सेवा हॉस्पिटल पर निर्भर हो गए हैं। प्रशासन की ओर से इस हॉस्पिटल को हमेशा नजरअंदाज किया गया है। यहां एक्सरे मशीन तो है पर शुभारंभ के बाद से ही बंद पड़ी है। यहां पर स्टाफ की भी काफी समस्या है। यहां पर ड्रेसर का पद रिक्त है । कंपाउंडर का पद रिक्त है । वार्ड बॉय के पद रिक्त हैं। सिर्फ हॉस्पिटल आउट सोर्स से कार्य करने वाले वर्कर एवं 2 नर्स एवं एक लैब टेक्नीशियन के भरोसे संचालित हो रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झकनावदा पर डॉक्टर की व्यवस्था सुधारने हेतु डॉ. बिलोदिया को नियुक्ति की गई है। लेकिन वह भी हॉस्पिटल में नियुक्ति के बाद से नदारद हैं। आखिर क्या कारण है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर के नाम पर नियुक्ति तो की गई लेकिन वह उपस्थित नहीं रहते हैं। या किसी बड़े जनप्रतिनिधि या नेता का आशीर्वाद उन पर बना हुआ है जिससे वह इस हॉस्पिटल पर सेवा देने से अनुपस्थित नजर आते हैं। वही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झकनावदा पर क्षेत्र के कई टीबी जैसी गंभीर बीमारी से परेशान मरीज अपना स्वास्थ्य उपचार करवाने के लिए आते हैं, लेकिन डॉक्टर की अनुपस्थिति में उन्हें बिना किसी जांच के यूं ही टेबलेट दे दी जाती है। यह एक शर्मसार बात है कि मरीज बिना उपचार या स्वास्थ्य परीक्षण करवाएं मेडिसिन लेकर अपने घर लौटते हैं।

इनका कहना है

मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंहजी चौहान धरातल पर गरीबों के लिए कोई कार्य करने में सफल नहीं हुए है। मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री जुमले पे जुमले दे रहे हैं। झकनावदा में डॉक्टर की समस्या को लेकर मैंने शासन को भी पत्र लिखा है व दो मर्तबा कलेक्टर महोदया से भी झकनावदा में स्थाई डॉक्टर नियुक्त करने की चर्चा करी है। शीघ्र ही डॉक्टर की व्यवस्था नहीं होने पर मैं झकनावदा व क्षेत्र की जनता को लेकर सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करूंगा।
वालसिंह मेड़ा, विधायक पेटलावद।

मेरे द्वारा सीबीएमओ के पद पर कुछ दिनों पूर्व ही जॉइनिंग ली गई है। झकनावदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पूर्व में पदस्थ डॉक्टर साहब का प्रमोशन अलीराजपुर जिले के भाबरा हो गया है। जिससे सेवाएं चरमराई है। वर्तमान में आयुष चिकित्सक से सेवाएं ली जा रही है। सीएचएमओ साहब को अवगत कराया है। शीघ्र ही स्थाई चिकित्सक की व्यवस्था कर सुचारू रूप से सेवाएं झकनावदा एवं क्षेत्र के ग्रामीणों को दी जाएगी। सीबीएमओ डॉक्टर राहुल गणावा

क्षेत्र की यह चिकित्सा व्यवस्था कई दिनों से गड़बड़ाई हुई है। इसको लेकर मेरे द्वारा सांसद महोदय को अवगत करवाया है उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द यहां डॉक्टर की व्यवस्था कर चिकित्सा व्यवस्था को सुधारा जाएगा।
राजेश कांसवा सांसद प्रतिनिधि, जनपद पंचायत पेटलावद।

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