रतलाम. शहर के जुलवानिया ट्रैचिंग ग्राउंड में 2013 से पड़ा हुआ 3 लाख से अधिक मैट्रिक टन कचरे से खाद बनाने का रास्ता अब साफ होने की कगार पर है। नगर निगम इसके लिए 17 करोड़ रुपए से अधिक का व्यय करेगा। इतना ही नहीं, इस कचरे से बिजली बनाना भी प्रस्तावित किया गया है। इसकी निविदा जारी की गई थी जो मंजूरी के अंतिम पायदान पर है।शहर में 2013 से स्वच्छता अभियान अंतर्गत घर – घर से कचरा लिया जा रहा है। कचरे को जुलवानिया स्थित ट्रैचिंग ग्राउंड में एकत्रित किया जा रहा है। इस कचरे के निष्पादन को लेकर कई बार अलग-अलग योजनाएं बनी, लेकिन उस पर अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। नई परिषद आने के बाद स्वच्छता अभियान में इसको प्राथमिकता से कार्य करने की शुरुआत की गई।
पांच चरण में होगा काम
बता दे कि कचरा निष्पादन का कार्य एक या दो नहीं बल्कि पांच चरण में होगा। जैसे – जैसे चरण बढ़ते जाएंगे तब पर्यावरण को लाभ होगा। पहले व दूसरे चरण में 20 – 20, तीसरे में 15, चौथे में 20 व अंतिम चरण में 25 प्रतिशत कचरे का निष्पादन किया जाएगा। इसके लिए लगातार नगर निगम महापौर प्रहलाद पटेल बैठकों का दौर ले रहे है। बताया जाता है कि जब कचरा साफ करने के लिए कार्य शुरू किया जाएगा, उसका लाभ स्वच्छता अभियान की रेकिंग में भी मिलेगा।
नवंबर 2022 में निकली थी निविदा
भरने की अंतिम तारीख 31 जनवरी थी।
2 फरवरी को खोली गई निविदा
टैक्निकल कमेटी के पास गई निविदा
कुल निविदा पर व्यय राशि 17,41,78,950 रु
कार्य पूरा करना है 270 दिन मेंहर दिन कचरा आता 146.62 मैट्रिक टन
इस समय पड़ा हुआ कचरा 3,16,689 मैट्रिक टन
कई दिशा में काम कर रहे
हम शहर को स्वच्छता में नंबर एक पर लाने के लिए कई दिशा में काम कर रहे है। इसी कड़ी में कचरा निष्पादन के लिए निविदा होकर कमेटी के पास गई है। हमारा प्रयास है कचरे से बिजली बनाई जाए, जिससे रतलाम को लाभ हो।