रतलाम। शबरी जयंती के अवसर पर आदिवासी समाज ने नशा नहीं करने की शपथ ली। सबसे बड़ी बात इस मौके पर यह रही कि आदिवासी समाजजनों ने 13 प्रकार के नशा नहीं करने का संकल्प सामूहिक रूप से लिया।इस दौरान बड़ी संख्या में समाजजन कार्यक्रम में शामिल हुए। आदिवासी एकता परिषद, अखिल भारतीय भील समाज, आदिवासी छात्र संगठन, जय आदिवासी युवा शक्ति , महाराणा पूंजा भील जन कल्याण संगठन, वीर एकलव्य आदिवासी सामाजिक सेवा संस्था रतलाम के संयुक्त तत्वावधान में शबरी जयंती धूमधाम से मनाई।
इनका नहीं करेंगे सेवन
इस मौके पर शाकाहारी, सदाचारी बनकर सिगरेट ,बीड़ी, पान ,गुटखा ,तंबाकू ,गांजा ,भांग, अफीम ,चरस ,शराब, मद्यपान , धूम्रपान नहीं करने व नशा मुक्त होने की सामूहिक शपथ ली। ग्राम के बिरसा मुंडा चौराहे पर मातृशक्ति शबरी माता, बिरसा मुंडा ,डॉ भीमराव अंबेडकर ,टंट््या भील आदि के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। अध्यक्षता ग्राम पंचायत मोरवनी की सरपंच गीताबाई भाभर ने की।
ये रहे उपस्थित
मुख्य अतिथि धन्नालाल गढ़वाल ,विष्णु ङ्क्षसगाड़ ,माला महाराज, नंदू महाराज, कालू ङ्क्षसगाड़,कमलाबाई ,मीराबाई, विशेष अतिथि अनिता वर्मा, राजू गांधी, अंजना राठौड़, समाजसेवी सूरतलाल डामर, भंवरलाल भाभर, शंभूलाल हाड़ा ,कमल भाभर, नानूराम सिगाड़,घनश्याम भाभर, अर्जुन डांगी ,प्रीति हाड़ा ,भेरूलाल ङ्क्षसगाड़, बाबूलाल ङ्क्षसगाड़ सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे। सभी अतिथियों ने मां शबरी के जीवन की गौरवगाथा ,जीवन पथ, पद चिन्हों पर चलने के लिए प्रकाश डाला।(पत्रिका से साभार)