मेडिकल कॉलेज में पुलिस विभाग के अधिकारियों ने लिया प्रशिक्षण:पुलिस सीख रही जान बचाने का फार्मूला, डीआईजी, एसपी सहित पुलिस कर्मचारियों ने लिया सीपीआर देने का प्रशिक्षण
मेडिकल कॉलेज में पुलिस विभाग के अधिकारियों ने लिया प्रशिक्षण:पुलिस सीख रही जान बचाने का फार्मूला, डीआईजी, एसपी सहित पुलिस कर्मचारियों ने लिया सीपीआर देने का प्रशिक्षण
रतलाम~~रतलाम पुलिस आपातकालीन स्थिति में आम लोगों की जान बचाने का तरीका सीख रही है । रतलाम मेडिकल कॉलेज में रतलाम पुलिस के तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों ने आज आपातकालीन स्थिति में सीपीआर देने का प्रशिक्षण हासिल किया है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और स्पेशलिस्ट मेडिकल स्टाफ ने पुलिस के अधिकारियों को सीपीआर ( कृतिम श्वास देकर और हार्ट पम्प कर जान बचाने का तरीका) देने के बारे में जानकारी दी और प्रशिक्षण दिया है। आमतौर पर किसी भी दुर्घटना या आपातकालीन स्थिति में सबसे पहले पुलिसकर्मी ही मौके पर पहुंचते हैं। ऐसे में यदि पुलिसकर्मी को सीपीआर देना आता है तो वह हादसे का शिकार हुए व्यक्ति की जान बचा सकते हैं। रतलाम पुलिस के लिए आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में डीआईजी सुशांत सक्सेना, एसपी अभिषेक तिवारी और जिले के पुलिस कर्मचारी शामिल हुए हैं।
रतलाम मेडिकल कॉलेज में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें डीआईजी एसपी सहित जिले के पुलिस कर्मचारीयों ने सीपीआर देने का प्रशिक्षण लिया है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के अनुसार पानी में गिरने, फांसी लगा लेने और बेहोशी की हालत में पहुंच चुके आहत व्यक्ति को समय पर सीपीआर देने से उसकी जान बच सकती है। अधिकांश मामलों में मरीज को अस्पताल लाने तक देर हो चुकी होती है। इस तरह की आपातकालीन स्थिति में सबसे पहले पुलिस ने मौके पर पहुंचती है। इसके लिए पुलिस के सभी को अधिकारियों को सीपीआर का महत्व और सीपीआर देने के तरीके का प्रशिक्षण दिया गया है। जिससे आपातकालीन स्थिति निर्मित होने पर सीपीआर देकर आम लोगों की जान बचाई जा सकती है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ जितेंद्र गुप्ता सहित कॉलेज के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों ने प्राथमिक चिकित्सा और सीपीआर से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां पुलिस कर्मचारियों को दी है।