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सीता श्रृंगार मनोरथ आज : डिप्रेशन की एक दवा अति पावन नाम सीता राम – आचार्य ब्रह्मर्षि किरीट भाई

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सीता श्रृंगार मनोरथ आज : डिप्रेशन की एक दवा अति पावन नाम सीता राम – आचार्य ब्रह्मर्षि किरीट भाई
रतलाम, ।कलयुग में शिव समान दातार कोई नहीं है। जगदंबा जैसी शक्ति कलयुग में किसी के पास नहीं है। कृष्ण जैसी कथा किसी के पास नहीं है। कलयुग में सीता राम नाम से बढ़कर किसी का नाम नहीं है। डिप्रेशन की एक ही दवा अति पावन सीता राम है। जिसने सीता मैया जैसा चरित्र अपना लिया उसे कभी जीवन में पीछे पलट कर देखना नहीं पड़ेगा।
उक्त विचार रतलाम के आंबेडकर मांगलिक परिसर में तुलसी परिवार द्वारा आयोजित जगज्जननी आदिशक्ति स्वरूपा श्री सीताजी चरित्र पर मंगल प्रवचन के दूसरे दिन परम पूज्य आचार्य ब्रह्मर्षि किरीट भाई जी ने श्री व्यक्त किए। मंगल प्रवचन की शुरुआत में दीप प्रज्ज्वलन शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र कटारिया एवं प्रमोद व्यास ने किया। पोथी पूजन अचला राजीव व्यास, निर्मला बाबूलाल चौधरी, मनोरमा प्रसाद (मुम्बई), संगीता राकेश माली, अनिल धानुक सपत्नीक (नीमच) ने की। आचार्य ब्रह्मर्षि किरीट भाई का स्वागत मनोहर पोरवाल, कुसुम गजेंद्र चाहर, सरिता हरीश सुरोलिया, रामेश्वर खंडेलवाल, अग्रणी कॉलेज प्राचार्य डॉ. वायके मिश्रा, मीनू मिश्रा, डॉ. मधु गुप्ता, डॉ. सुलोचना शर्मा, गोपाल जोशी, निर्मला दशरथ पाटीदार, राधावल्लभ पुरोहित, सुषमा आरके कटारे, हरीश रत्नावत, राजेश नंदलाल व्यास आदि ने किया। मंच संचालन के सूत्रधार कैलाश व्यास रहे। मंगल प्रवचन के दूसरे दिन मां सीता का प्राकट्य मनोरथ मनाया गया। तीन वर्षीय जिनिशा खंडेलवाल सीता माता के बाल रूप में पांडाल में लाया गया। जैसे ही सीता माता का प्राकट्य हुआ तो पूरे पाण्डाल में फूलों की बारिश की गई। जय मां जानकी के उद्घोष के साथ श्रदालु झूम उठे। व्यास गादी पर बाल रूपी सीता मां का स्वागत आचार्य किरीट भाई ने किया।
आचार्य किरीट भाई ने सीता माता के प्राकट्य मनोरथ पर श्रद्धालुओं को रसपान कराया। आपने मन भावन है तिहारो नाम सीता राम, जय जय सीता राम, मीठा मीठा है तिहारो नाम सीता राम, प्यारा प्यारा नाम है सीता राम, सुख सागर है सीता राम के भजन की प्रस्तुति से श्रद्धालु झूम उठे। आपने सीता माता के चरित्र के बारे में समझाया कि देश ऋषि भूमियों, वेदों, त्याग व प्रेम की भूमि है। सीता का अर्थ है भक्ति। आज की नारी को सीता माता के चरित्र, व्यवहार से सीखना चाहिए। सीता माता के विचार, आचार व सहनसीलता को हमे ग्रहण करने की जरूरत है। किसी का दोष मत देखो। सारी दुनिया जुबान पर चलती है। हमें कैंची का काम नहीं करना है। सुई धागे का काम करना है। किसी की बुराई को न देखो। दोष न देखो गुण देखो। आचार्य श्री किरीट भाई ने रामायण की चौपाइयों के साथ सीता चरित्र के बारे में विस्तार से बताया। मंगल प्रवचन के अंत मे 1008 ऋषियों द्वारा अभिमंत्रित हनुमान कवच का विमोचन समाजसेवा प्रमोद व्यास, अनिल झालानी व अन्य के द्वारा किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे।
आचार्य श्री ने रतलाम की जनता का किया अभिवादन
आम्बेडकर मांगलिक परिसर में श्री सीताजी चरित्र पर मंगल प्रवचन के दौरान परम पूज्य आचार्य किरीट भाईजी ने रतलाम की धर्मप्रेमी जनता का मंच के माध्यम से अभिवादन किया। परम पूज्य आचार्य ब्रह्मश्रि किरीट भाईजी ने कहा कि जब-जब वह रतलाम आए। उन्होंने पाया कि यहां की धर्मालु जनता श्रवण को आत्मसात कर जीवन को बेहतर बनाने में अग्रसर करते हैं। जीवन में श्रवण और अनुसरण दोनों अमूल्य है। समझना बस यह है कि हमें क्या श्रवण करना है और क्या अनुसरण करना है।
आज सीता श्रृंगार मनोरथ का होगा रसास्वादन
आचार्य ब्रह्मर्षि किरीट भाई के मुखारबिंद बह रही ज्ञान गंगा के तीसरे दिन 26 फरवरी को सीता श्रृंगार मनोरथ का रसास्वादन कराया जाएगा। 2 मार्च तक प्रतिदिन सीता सीता चरित्र पर अलग अलग मनोरथ का रसास्वादन आचार्य श्री द्वारा कराया जाएगा।
मानव सेवा के महामंत्र को साकार कर रही श्री सत्यसाई सेवा समिति
आचार्य ब्रह्मर्षि किरीट भाई के मुखारबिंद बह रही ज्ञान गंगा के तीसरे दिन 26 फरवरी को सीता श्रृंगार मनोरथ का रसास्वादन कराया जाएगा। 2 मार्च तक प्रतिदिन सीता सीता चरित्र पर अलग अलग मनोरथ का रसास्वादन आचार्य श्री द्वारा कराया जाएगा।
महर्षि किरीट भाई द्वारा सीता चरित्र की कथा के अवसर पर मानव सेवा माधव सेवा के महामंत्र को साकार करते हुए श्री सत्यसाई सेवा समिति रतलाम द्वारा श्रद्धालुओं की सेवार्थ कथा स्थल परिसर में शीतल जल की प्याउ लगा कर प्रत्येक श्रद्धालु को सम्मानपूर्वक जल पीलाया जा रहा है । इस अवसर पर संदीप दलवी, श्री अनील भट्ट, श्री रवि हंसोगे, कपीला जी, श्री गौड आदि द्वारा सराहनीय सेवायें दी जारही है। श्रद्धालुओं ने सेवा कार्य की मुक्त कंठ से प्रसंशा की है ।

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