पूरे जिले में चार जगह लगाए गए थे प्रशिक्षण के शिविर, डेमो करके बताया कैसे बचा सकते हैं व्यक्ति की जान
रतलाम.~~ दुर्घटना में घायल या किसी आगजनी की वारदात में दम घुटने से बेहोस हो चुके युवक की जान कैसे बचाई जा सकती है इसे लेकर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सीपीआर का प्रशिक्षण दिया। स्पाट पर पहुंचने वालों में सबसे पहले पुलिस की होती है और पुलिस के लिए यह जरुरी है कि व्यक्ति की जान कैसे बचाई जाए।
मेडिकल कॉलेज में हुआ प्रशिक्षण
मेडिकल कॉलेज में हुए प्रशिक्षण के दौरान डीआईजी सुशांत सक्सेना, एसपी अभिषेक तिवारी, एएसपी सुनील पाटीदार, सीएसपी हेमंत चौहान, एसडीओपी संदीप निगवाल, रक्षित निरीक्षक खिलावनसिंह कंवर विशेष रूप से मौजूद रहे।
यह होता है सीपीआर
किसी भी घायल व्यक्ति जिसे कार्डियक अरेस्ट या श्वसन अवरोध जैसी शिकायत हो उसकी प्राथमिक तौर पर सीपीआर पद्धति की मदद से जान बचाई जा सकती है। कार्डियक अरेस्ट या सांस न ले पाने जैसी आपातकालीन स्थिति में जान बचाने के लिए सीपीआर एक बहुत महत्वपूर्ण तरीका है। किसी भी सामान्य व्यक्ति द्वारा जो की उक्त पद्धति जानता हो उसके द्वारा इसका प्राथमिक तौर पर प्रयोग कर जरुरतमंद व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।सीपीआर प्रशिक्षण के दौरान शासकीय मेडिकल कॉलेज रतलाम के डीन डॉ. जितेन्द्र गुप्ता, अधीक्षक डॉ प्रदीप मिश्रा, डॉ. शैलेन्द्र डावर,(एचओडी & प्राध्यापक), डॉ. रंजिता एस्के डावर, (सहा.प्राध्यापक), डॉ. सचिन कुम्भारे (सहा.प्राध्यापक), डॉ. योगेश तिलकर (सहा.प्राध्यापक), डॉ. उत्सव शर्मा (सहा.प्राध्यापक), डॉ. राहुल मेडा (सहा.प्राध्यापक), डॉ. दीपक गुप्ता (सहा.प्राध्यापक) , डॉ. राधिका खरे (सीनियर रेसिडेन्ट) आदि उपस्थित थे जिनके द्वारा सीपीआर की बारिकीयो से पुलिस बल को अवगत कराया गया ।